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श्योपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । कराहल कस्बे में गुरुवार को संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। भागवत कथा शुरू होने से पहले कस्बे में गाजेबाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में बडी संख्या में महिला और बालिकाएं सिर पर कलश लेकर शामिल हुई।
कलश यात्रा कस्बे के बड़े मंदिर से प्रारंभ होकर ब्राह्मण मोहल्ला, गणेश बाजार, भैरों चौक, पालीवाल चौक होते हुए कथास्थल श्रीश्री 1008 श्री कमलगिरी जी महाराज (शाला का मंदिर) पर आकर संपन्न हुई। जहां कथावाचक पं. मोहन बिहारी कटारे (ढोढर वाले) ने विधिवत देव पूजन उपरांत कथा का मंगलाचरण शुरू किया। उन्होंने कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। कथा सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।
कथा व्यास पं. कटारे ने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक अनुष्ठान किया था। जहां संतकुमारों ने भागवत का प्रवचन करते हुए नारद के मन का संशय दूर किया। इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने अपने अग्रज से श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुए। कथा व्यास ने कहा कि, भगवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान कथा के मुख्य यजमान सत्यनारायण तेनगुरिया सहित अन्य कई श्रद्धालु उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा