कोलकाता, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
पश्चिम बंगाल में उच्च माध्यमिक छात्रों के लिए टैबलेट खरीदने के उद्देश्य से दी गई दस हजार रुपये की राशि में गड़बड़ी के आरोपों के बीच, राज्य के स्कूल प्रमुखों के संगठन ने शिक्षा विभाग से ‘बंगाल शिक्षा पोर्टल’ की सुरक्षा को मजबूत करने की मांग की है।
स्कूल प्रमुखों के संगठन ‘एडवांस्ड सोसाइटी फॉर हेडमास्टर्स एंड हेडमिस्ट्रेसेज’ ने शनिवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर पोर्टल की कमजोरियों पर चिंता व्यक्त की। संगठन ने कहा कि पोर्टल की हैकिंग से शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
संगठन के महासचिव चंदन माइती ने कहा, शाम के समय पोर्टल का डेटा अपलोड करने में घंटों लग जाते हैं। इस दौरान बैंक खातों की जानकारी हैक किए जाने की संभावना रहती है। उन्होंने सुझाव दिया कि पोर्टल को ओटीपी आधारित बनाया जाए और जब भी शिक्षा विभाग या जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लॉगिन किया जाए, तो संबंधित स्कूल को संदेश के माध्यम से सूचना मिले।
अक्टूबर में सामने आए मामलों में यह खुलासा हुआ कि 16 लाख छात्रों में से लगभग 1,900 छात्रों को यह राशि नहीं मिली। इन घटनाओं के बाद छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश देखा गया।
राज्य सरकार ने उन छात्रों को फिर से पैसा भेजने की घोषणा की, जो इससे वंचित रह गए थे। अब तक 100 से अधिक छात्रों को इसका मुआवजा दिया जा चुका है और शेष छात्रों के लिए प्रक्रिया जारी है।
इस मामले में 15 लोगों को नवंबर की शुरुआत से अब तक गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में सक्रिय गिरोह ने विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं से धन की हेराफेरी की है।
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सुरक्षा बढ़ाने के सुझाव
माइती ने पोर्टल की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए:
1. सर्वर को मजबूत करना।
2. एन्क्रिप्शन और फ़ायरवॉल सिस्टम लागू करना।
3. नियमित सुरक्षा ऑडिट करना।
4. डेटा हैक होने पर तुरंत अलर्ट जारी करना।
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गड़बड़ी के प्रभावित जिले
इन मामलों की रिपोर्टिंग मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, कूचबिहार, बांकुड़ा और जलपाईगुड़ी जिलों से हुई है। यह घटना सरकार की योजनाओं और डिजिटल शिक्षा के उद्देश्य को झटका देने वाली है। संगठन ने अपील की है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर