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 लोक सभा अध्यक्ष ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का आह्वान किया

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने भारतीय वन सेवा के 112 अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए संसदीय प्रक्रियाओं और प्रक्रियाओं में प्रशंसा पाठ्यक्रम के उद्घाटन के दौरान अधिकारी प्रशिक्षुओं को भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के लिए नेतृत्व किया।

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और हमारा देश, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिशन “लाइफ”- पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के साथ इस चुनौती से निपटने में सबसे आगे है।

बिरला आज संसद भवन परिसर में भारतीय वन सेवा के 2023-25 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए ‘संसदीय पद्धति और प्रक्रिया’ विषय पर आयोजित परिबोधन पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस पाठ्यक्रम का आयोजन लोक सभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा किया जा रहा है।

बिरला ने कहा कि भारतीय वन सेवा पर जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए अभियान चलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है । उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से देश के वन क्षेत्र का विस्तार करने और वन्यजीवों की रक्षा करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का आग्रह भी किया।

इस अवसर पर लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया। लोक सभा सचिवालय में संयुक्त सचिव, गौरव गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

भारतीय वन सेवा के 112 प्रशिक्षु अधिकारी, जिनमें 22 महिला प्रशिक्षु और 90 पुरुष प्रशिक्षु शामिल हैं, इस परिबोधन पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं। रॉयल भूटान सेवा के दो अधिकारी भी इस पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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