CRIME

 लूट डकैती का आराेपित भैरूबाबा साधु के वेश में धूणा लगाए मिला

jodhpur

जोधपुर, 14 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने हथियार सप्लाई के सरगना और लूट व डकैती के बीस हजार रुपये के फरार इनामी को नागौर के गोटन इलाके से गिरफ्तार किया है। आरोपित साधु के वेश में धूणी लगाकर लोगों का ठग रहा था। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित ने पिता की मौत का बदला लेने के लिए हथियार चलाना और बनाना सीखा। इसके बाद महाराष्ट्र नासिक में जादू-टोना सीखा और भीमदान से भैरूगिरी बाबा बनकर धूणी रमाकर लोगों को ठगने लगा। आरोपित के खिलाफ चार जिलों में एक दर्जन मामले सामने आए है। वह पिछले पांच वर्षों से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरारी काट रहा था।

अपनी और पितरों की संतुष्टि के लिए गया में जाकर वेदी बनाई :

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपित देशनोक बीकानेर निवासी भीमदान उर्फ भींवदान उर्फ भैरूगिरी बाबा पुत्र मोहनदान चारण को गिरफ्तार किया गया है। साइक्लोनर टीम को आपरेशन गयावेदी के रूप में 60वीं सफलता हाथ लगी है। गयावेदी ऑपरेशन रखने के पीछे शास्त्रों के भीम ने अपनी और पितरों की संतुष्टि के लिए गया में जाकर वेदी बनाई थी और पिंडदान किया था। इस बार पकड़े गए आरोपित का नाम भीमदान है। यह भी शांति के लिए कर रहा था। यहां से बाहर जाकर पितरों और खुद की शांति के लिए कर रहा था। वह खुद की पहचान बदलकर लोगों और पुलिस दोनों को धोखा दे रहा था।

आरोपित ने खुद का हुलिया बिल्कुल बदल दिया। उसके खिलाफ हथियार बेचने, लूट, डकैती, हत्या के प्रयास जैसे लगभग एक दर्जन संगीन प्रकरण चार जिलों में दर्ज है। उसने अंतिम अपराध वर्ष 2019 में रामदेवरा इलाके में किया था, जिसमें वह हथियार की नोंक बड़ी लूट कर गया था। उस पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।

पांच साल से चल रही थी तलाश :

आईजी ने बताया कि आरोपित भीमदान करीब पांच साल तक फरार रहा। पुलिस टीम को उस तक पहुंचने के लिए करीब एक माह तक मशक्कत करनी पड़ी। यह आरोपित शातिर था। इसने अपना मोबाइल चलाना बंद कर रखा था। जो भी यजमान होते थे, उनके पास पहुंचता था। यजमानों के फोन से फोन करवाता था। लोगों से संपर्क करता रहता था। काफी समय से इसकी धूणी नागौर गोटन इलाके में थी। साइक्लोनर टीम काफी समय से इसके पीछे घूम रही थी। आरोपित तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम गोटन के यजमान के जरिए उस तक पहुंची, और उनको अपनी समस्याएं बताई। समाधान के लिए बाबा के शरण में जाना हुआ। बड़े ही गुप्त तरीके से यजमान बनी टीम खारिया और जोधपुर जिले के बॉर्डर इलाके में पहुंची। यजमान टीम जब वहां पर पहुंची तो साधु वेश में यत्र, तंत्र और मंत्र अपने पास में लेकर बैठा हुआ मिला। वह अपनी कला हम पर दिखाता उससे पहले पुलिस टीम ने उसके ओरिजनल नाम से आवाज दी तो असहज हो गया। इसके बाद टीम ने उसको शिकजे में लिया।

ऐसे उतरा अपराध की दुनिया में , बन गया तांत्रिक :

आईजी ने बताया कि भीमदान वर्ष 2007 में पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए पहली बार अपराध की दुनिया में उतरा था। उसके बाद फरारी काटते हुए वह महाराष्ट्र के अमरावती इलाके में फर्नीचर का काम करने लगा। वहीं के आदिवासी दुर्गम इलाके में तथाकथित चाचा से हथियार बनाने का हुनर सीखा। वहां से वापस आकर वह इलाके में 12 बोर, 315 बोर, 32 बोर के हथियार आपूर्ति करने लगा। अपराध करते करते वह दो-तीन बार पुलिस के शिकंजे में आया। उससे दर्जनों हथियार भी बरामद हुए, लेकिन इस बीच फिर फरार हो गया और अपना काम और हुलिया बदल लिया।

नासिक के पर्वतीय इलाकों में पहुंचा, तांत्रिक का चोंगा पहना :

एक बार फिर वह महाराष्ट्र चला गया। इस बार नासिक के पर्वतीय इलाकों में चला गया। वहां साधु का वेष धर कर तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और ताबीज-टोटकों की दुनिया में अपनी पैठ बना ली। नाम भी भीमदान से बदलकर भैरू गिरी बाबा रख लिया। वहां से आरोपित भीमदान ने वापस मारवाड़ में आकर तांत्रिक का चोंगा पहनने लगा और कई जगहों पर अपनी धूणी जमा ली। किसी के भूत भगाता, किसी के प्रेतबाधा दूर करता, किसी के घर में शांति बहाल करने लगा। लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर अपनी पैठ बना ली।

बाबाओं के डेेरे खंगालें, भैरूबाबा बना मिला :

आईजी ने बताया कि इस दौरान साइक्लोनर टीम ने उसका पता करना शुरू किया। टीम बाबाओं के डेरों और तांत्रिकों के ठिकानों को खंगालने लगी। आखिरकार भीमदान के बारे में पुख्ता सूचना मिली कि वह भैरूबाबा बनकर खारिया खंगार गांव में अपना ठिकाना बना चुका है। इसके बाद पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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