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 रक्षा मंत्री ने तवांग में ‘देश का वल्लभ’ प्रतिमा और मेजर ‘बॉब’ खथिंग वीरता संग्रहालय किया राष्ट्र को समर्पित

Raksha Mantri virtually inaugurates Desh ka Vallabh statue-3
Raksha Mantri virtually inaugurates Desh ka Vallabh statue-2
Raksha Mantri virtually inaugurates Desh ka Vallabh statue-1

नई दिल्ली/इटानगर, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘देश का वल्लभ’ प्रतिमा और मेजर रालेंग्नाओ ‘बॉब’ खथिंग ‘वीरता संग्रहालय’ को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्हें तवांग जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण नहीं जा सके।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए भारत और चीन द्वारा हासिल की गई व्यापक सहमति का जिक्र करते हुए की। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास इस मामले को अग्रिम मोर्चों पर तैनानी खत्म करने से आगे ले जाने का है लेकिन इसके लिए हमें थोड़ा और इंतज़ार करना होगा। राजनाथ सिंह ने भारत के लौह पुरुष के रूप में जाने जाने वाले सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद 560 से अधिक रियासतों को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि उनकी यह उपलब्धि एकीकृत भारत के लिए उनके अदम्य संकल्प और प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ी है। उन्होंने कहा कि ‘देश का वल्लभ’ प्रतिमा लोगों को एकता में ताकत और हमारे जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक अटूट भावना की याद दिलाते हुए हमें प्रेरित करेगी।

रक्षा मंत्री ने मेजर बॉब खथिंग को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। एक असाधारण व्यक्ति खथिंग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान दिया है। राजनाथ ने कहा कि मेजर खथिंग ने न केवल भारत में तवांग के शांतिपूर्ण एकीकरण का नेतृत्व किया, बल्कि सशस्त्र सीमा बल, नगालैंड सशस्त्र पुलिस और नगा रेजिमेंट सहित आवश्यक सैन्य और सुरक्षा ढांचे की स्थापना भी की। ‘शौर्य संग्रहालय’ अब उनकी बहादुरी और दूरदर्शिता को श्रद्धांजलि के रूप में खड़ा है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता है।

रक्षा मंत्री ने क्षेत्र की प्रगति में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने असम और तवांग को जोड़ने वाली सेला सुरंग का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे प्रोजेक्ट पूरे नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र, खासकर सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाएगा। दो हजार किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक संपत्ति साबित होगा।

अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) केटी परनायक, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन और मेजर बॉब खथिंग का परिवार उद्घाटन स्थल पर उपस्थित था।

वहीं थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (पूर्वी कमान) लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, जीओसी 4 कोर लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह और अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी रक्षा मंत्री के साथ इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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