नई दिल्ली, 3 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने मंगलवार राज्यसभा को बताया कि देश में 55 टेलीमानस सेंटर बनाए गए हैं, जहां मानसिक बीमारियों से पीड़ितों की मदद की जा रही है और उपचार में सहयोग किया जा रहा है। इन सेंटरों के माध्यम से मानसिक बीमारियों का उपचार भी किया जा रहा है। इसके साथ 10 अक्टूबर 2022 में शुरू की गई टेलीमानस की शुरुआत की गई । यह हेल्पलाइन चौबीस घंटे उपलब्ध रहती है और 20 भाषाओं में अपनी सेवाएं दे रही है। सरकार ने टेलीमानस एप भी शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस पर अबतक 15 लाख 95 हजार कॉल्स की मदद की जा चुकी है। कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों का शुरुआती चरण में भी पता लगाने के उद्देश्य से देश में 1.73 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्थापना किए जा रहे हैं
नड्डा ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने यूनिवर्सल स्क्रीनिंग की आयु सीमा को कम कर 30 वर्ष कर दिया है, ताकि बीमारियों का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सके और फिर उसका उपचार किया जा सके।
सांसद रजनी पाटिल के प्रश्न के उत्तर में जे पी नड्डा ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से मदद मिल रही है। उन्होंने सलाह दी कि सभी सदस्यों को आरोग्य मंदिरो का विजिट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को गति देने के लिए प्रशिक्षित कामगारों की संख्या बढ़ाई जा रही है और इसके लिए डिजिटल प्रशिक्षण का काम भी किया जा रहा है।
नड्डा ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) के तहत सभी गर्भवती महिलाओं का कम से कम चार और अधिक से अधिक सात तरह की जांच गर्भकाल में की जाती है और आवश्यकतानुसार चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि यह राज्य आधारित नहीं बल्कि जनसंख्या आधारित योजना है और देश की सभी गर्भवती महिलाओं के लिए यह योजना है। इसमें शिशु के जन्म से पहले सभी आवश्यक टीके लगाए जाते हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं की होती है। आशा कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण दिया जाता है और समय समय पर उन्हें अपग्रेड भी किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी