बिलासपुर , 13 नवंबर (Udaipur Kiran) ।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पूर्व एडीजी गुरजिंदर पाल सिंह (जीपी सिंह) पर राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर मामले में दर्ज तीन एफआईआर रद्द कर दी गई है। इस मामले में लगाई गई विशेष याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और रविंद्र अग्रवाल की डबल बैच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील हिमांशु पांडे ने बताया है कि उनके खिलाफ दर्ज किए गए इन मामलों में विशेष याचिका पर सुनवाई हुई और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सभी 3 मामलों को रद्द कर दिया है।
दरअसल पिछली कांग्रेस सरकार में 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। जीपी सिंह पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप भी लगा था। जिसके बाद उन्हें जनवरी 2022 में गिरफ़्तार कर लिया गया था। 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर ऑफिसर आईपीएस जीपी सिंह को कैट से बड़ी राहत मिली थी। जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को कैट ने चार सप्ताह में निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच की मांग की थी। जीपी सिंह पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा था।
कांग्रेस सरकार में हुआ था राजद्रोह का केस
एसीबी ने जुलाई 2021 को सिंह के बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापा मारा था। इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई दस्तावेज मिले थे। इसके बाद एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की थी। वहीं दूसरी तरफ उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने उन्हें 5 जुलाई को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 8 जुलाई को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। पूरे मामले की गहन जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत भी मिल गई थी। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश के बाद 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर कर दिया था।
आरोप था कि उनके सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थी। जिसकी जांच के बाद सरकार विरोधी गतिविधियों की खबर सामने आई थी। इसी आरोप के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। वहीं इस दौरान जीपी सिंह ने पुलिस की एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में उन्होंने खुद को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया था। वहीं फिलहाल जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
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