पलवल, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । सीबीआई अधिकारी बनकर व्यापारी से 88 लाख रुपए ठगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।आरोपियों ने व्यापारी को मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाया और कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर जांच के नाम पर यह राशि अपने खातों में ट्रांसफर करा ली थी। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। मिली जानकारी के अनुसार न्यू कॉलोनी निवासी अनिल कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह सुथार इंटरप्राइजेज के नाम से डोर फ्रेम का व्यवसाय करता हैं।
19 अक्टूबर को उसके व्हाट्सएप पर कई नंबरों से फोन आए थे। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया और व्हाट्सएप पर सीबीआई और आरबीआई का नोटिस साझा किया। उसे बताया गया कि उसके (पीड़ित) एचडीएफसी बैंक में कई खाते खोले हुए है और इनके माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। खुद को सीबीआई अधिकारी बता रहा व्यक्ति वीडियो कॉल पर था और उसने धमकी दी कि वह कॉल न काटे और किसी को न बताएं, नहीं तो उसे सात साल की कैद हो सकती है।
पीड़ित आरोपी के झांसे में आ गया और अपने बैंक खातों में मौजूद 88 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए आरोपी के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को फिर से अगले 72 घंटों के लिए वीडियो कॉल पर रखा। आरोपी ने पीड़ित से जमानत के लिए फाइल तैयार होने की बात कहकर 15 लाख रुपए और मांगे। इसके बाद पीड़ित ने फोन काटकर अपने रिश्तेदारों से बात की और उसे पता चला कि यह एक साइबर गिरफ्तारी घोटाला है।
जांच अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पीडित के अनुसार दी शिकायत के आधार साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी और ठगी में प्रयोग किए गए खाते और साइबर तकनीक के आधार पर पुलिस ने ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले 26 वर्षीय सचिन उपाध्याय और इंदौर निवासी 23 वर्षीय यश दुबे को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से 11 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड और 8 चेक बुक बरामद की। साइबर थाना पुलिस ने दोनों ठगों को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए 6 दिन की रिमांड पर लिया है।
—————
(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग