नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) का 12वां संस्करण 26 से 29 नवंबर तक असम के काजीरंगा में आयोजित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों दर्शकों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जो आठ पूर्वोत्तर राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के पर्यटन व्यवसायों और उद्यमियों को एक साथ लाता है, ताकि खरीदारों, विक्रेताओं, मीडिया, सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग और बातचीत को बढ़ावा दिया जा सके।
12वां अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट ऐसे क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, जो अपनी विविध स्थलाकृति, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों, जीवंत जातीय समुदायों, प्राचीन परंपराओं, त्योहारों और प्रचुर कला और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यूनेस्को स्थल, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और राजसी एक सींग वाले गैंडे का घर इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण होगा।
पर्यटन महानिदेशक मुग्धा सिन्हा ने शुक्रवार को यहां 12वां अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 400 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और होम स्टे मालिक, पर्यटन सेवा प्रदाता, भारत सरकार और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय छात्र आदि शामिल हैं।
महानिदेशक ने आगे बताया कि तीन दिवसीय मार्ट में कई तरह की गतिविधिया होंगी, जिनमें राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तुतियां, बी टू बी बैठकें, पैनल चर्चाएं, खाद्य प्रदर्शन, सांस्कृतिक संध्याएं, लाइव संगीत, उत्तर पूर्व बाज़ार और चराइदेव मोइदम (भारत का सबसे नया और 43वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (राष्ट्रीय उद्यान के रूप में 50 वर्ष), हाथीकुली चाय बागान और आर्किड और जैव विविधता पार्क जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का तकनीकी दौरा शामिल है। इसमें उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अध्ययन कर रहे अंतरराष्ट्रीय छात्र और दुनिया भर के प्रभावशाली लोग भी शामिल होंगे, जो उन्हें क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान करेंगे।
महानिदेशक ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, ऊर्जा-कुशल प्रथाओं को अपनाने और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करके किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्ट के दौरान परिवहन को समर्पित शटल सेवाओं के माध्यम से सुगम बनाया जाएगा, जो पर्यटन को प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने और एक स्थायी, सकारात्मक विरासत सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी