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 न्यायिक अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति का विवरण पेश करने का निर्देश, हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार ने जारी पत्र

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

बिलासपुर , 7 जनवरी (Udaipur Kiran) छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल विजिलेंस आलोक कुमार ने प्रदेश के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर न्यायिक अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति का विवरण पेश करने का निर्देश दिया है।

दो जनवरी को जारी पत्र में कहा गया है कि सभी जज 31 दिसंबर 2024 की स्थिति में अर्जित संपत्तियों का ब्योरा निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करें। इसे 28 फरवरी 2025 तक हाई कोर्ट के ईमेल पर अपलोड करें। जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों से संपत्ति का ब्योरा प्राप्त करें, सत्यापित करें और इसे निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करें। वहीं यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी न्यायिक अधिकारी व्यक्तिगत रूप से संपत्ति की घोषणा सीधे जमा न करे। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही के लिए संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीधे जिम्मेदार होंगे।

अचल संपत्तियों के तहत जमीन, मकान या अन्य अचल संपत्तियों का विवरण देना होगा। साथ ही यह भी बताना होगा कि इन संपत्तियों को अर्जित करने का स्रोत क्या है। चल संपत्तियों में जेवरात, बैंक में जमा राशि, शेयर, निवेश, एफडी, पीपीएफ, जीपीएफ, एनएसएस और अन्य धनराशि की जानकारी देनी होगी। प्रदेश में कार्यरत 526 न्यायिक अधिकारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करनी होगी। रजिस्ट्रार जनरल विजिलेंस ने प्रदेशभर के सभी जिलों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि विवरण ईमेल के साथ-साथ पंजीकृत डाक के माध्यम से हार्ड कापी के रूप में भेजा जाए।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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