नई दिल्ली, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के राज्यों को निर्देश दिया है कि वे पटाखों पर पूरे साल रोक लगाने के बारे में निर्णय लें। जस्टिस एएस ओका ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को इस बारे में फैसला लेकर कोर्ट को सूचित करने निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर रोक न केवल वायु प्रदूषण से जुड़ा हुआ है, बल्कि ये ध्वनि प्रदूषण से भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप की पाबंदियां लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश को जारी रखते हुए कुछ अतिरिक्त पाबंदियों के साथ ग्रैप-2 लागू रहेगा। कोर्ट ने कहा कि वकीलों को कोर्ट कमिश्नर के रूप में नियुक्ति का आदेश जारी रहेगा। कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों को निर्देश दिया कि वे कोर्ट कमिश्नर के समन्वय के लिए नोडल अफसर नियुक्त करें, ताकि कोर्ट कमिश्नर विभिन्न स्थानों पर जाकर पता कर सकें कि ग्रैप की पाबंदियां लागू की जा रही हैं कि नहीं। कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुझाव दिया कि सभी सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल हो। कोर्ट ने कहा कि हम भी आदेश दे सकते हैं, लेकिन ये वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग करे तो ठीक होगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि एक्यूआई का उतार-चढ़ाव जारी है। इस पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अनुकुल मौसम हवा के बहाव की वजह से ऐसा हुआ है। लेकिन आयोग ग्रैप-2 से नीचे का प्रतिबंध नहीं चाहता है। कोर्ट ने निर्माण मजदूरों को मिलने वाले मुआवजे की रकम के भुगतान पर कहा कि वो ये सुनिश्चित करेगा कि सभी निर्माण मजदूरों को ग्रैप-4 लगाये जाने की वजह से मिलने वाले मुआवजे का भुगतान हो। कोर्ट ने कहा कि भुगतान न केवल रजिस्टर्ड निर्माण मजदूरों को ही हो, बल्कि सभी प्रभावित निर्माण मजदूरों को मुआवजे का भुगतान किया जाए। इससे पहले 2 दिसंबर को कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 के तहत लगी पाबंदियां जारी रखने का आदेश दिया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम