गोरखपुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) ।दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू जीयू) की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के कुशल नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सहयोग के क्षेत्र में लगातार महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। विश्वविद्यालय की बढ़ती वैश्विक भागीदारी से इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयां मिली हैं, जिससे इसकी विश्व रैंकिंग भी सुदृढ़ हुई है।
अंतरराष्ट्रीय समझौते और साझेदारियां
2024 में, डीडीयूजीयू ने सात प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिससे शैक्षणिक आदान-प्रदान, शोध सहयोग और संकाय विकास को बढ़ावा मिला। ये विश्वविद्यालय हैं:
• लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, नेपाल
• गंडकी विश्वविद्यालय, नेपाल
• मधेश कृषि विश्वविद्यालय, नेपाल
• पोखरा विश्वविद्यालय, नेपाल
• राजशाही विश्वविद्यालय, बांग्लादेश
• आईएनटीआई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज, मलेशिया
• त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल
शैक्षणिक और शोध पहल
इन साझेदारियों के तहत, दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया:
1. गंडकी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (GUIC-2024), गंडकी विश्वविद्यालय, नेपाल के सहयोग से।
2. नेपाल-भारत सामग्री विज्ञान संगोष्ठी, डीडीयूजीयू और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के संयुक्त तत्वावधान में।
इन कार्यक्रमों में विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिससे अकादमिक संवाद और शोध संस्कृति को नई गति मिली। 2024 में, 10 से अधिक उच्च-स्तरीय, सहकर्मी- समीक्षित शोध पत्र विश्वविद्यालय के साझेदार संस्थानों के साथ प्रकाशित हुए, जो डीडीयूजीयू की वैश्विक शोध उपस्थिति को और मजबूत करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता एवं संकाय विकास
1. वैश्विक संगोष्ठियों में भागीदारी: प्राचीन इतिहास और दर्शनशास्त्र विभाग के 30 से अधिक छात्र एवं शिक्षक लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, नेपाल में आयोजित “पंचम अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी – प्राकृतिक दर्शन: प्रकृति और सभ्यता” में शामिल हुए। यह संगोष्ठी एशियन नेचुरल फिलॉसफी सोसाइटी एवं बीजिंग विश्वविद्यालय के सहयोग से संपन्न हुई।
2. संकाय विकास कार्यक्रम: नेपाल के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 12 से अधिक शिक्षक डीडीयूजीयू और अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित शैक्षणिक एवं शोध प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए।
3. पीएचडी समकक्षता कार्यक्रम: त्रिभुवन विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों के आठ शिक्षक डीडीयूजीयू के पीएचडी समकक्षता कार्यक्रम में नामांकित हुए, जिससे विश्वविद्यालय की वैश्विक अकादमिक उत्कृष्टता को और अधिक बढ़ावा मिला।
द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना
इन अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने डीडीयूजीयू का दौरा किया, जिनमें
प्राे. सुवर्ण लाल बज्राचार्य, कुलपति, लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, नेपाल, प्रो. नंद बहादुर सिंह, कुलपति, मिड-वेस्ट विश्वविद्यालय, नेपाल,
डॉ. एम.एल. शर्मा और डॉ. एम.आर. पौडेल, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल शामिल हैं।
इन मुलाकातों के दौरान संयुक्त शोध, संकाय विनिमय और पाठ्यक्रम विकास को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, आईएनटीआई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज, मलेशिया के साथ मैनेजमेंट में डुअल और जॉइंट डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। यह विश्वविद्यालय QS रैंकिंग में विश्व के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में शामिल है।
इन उपलब्धियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि डीडीयूजीयू में, हम सार्थक अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हमारे शैक्षणिक और शोध स्तर को ऊंचा उठाती हैं। हमारे प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग न केवल हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए सीखने के नए अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि विश्वविद्यालय की वैश्विक स्थिति को भी मजबूत कर रहा है। भविष्य में, हम और अधिक रणनीतिक साझेदारियों, संयुक्त शोध पहलों और नवीन कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक शिक्षा में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाएंगे।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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