—फ्रांस सरकार ने भी किया था सम्मानित
वाराणसी,11 नवम्बर (Udaipur Kiran) । डाट पेन से भी कलाकृतियों को जीवंत बना देने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय दृश्य कला संकाय के सेवानिवृत वरिष्ठ चित्रकार पं. वेद प्रकाश मिश्रा का सोमवार को निधन हो गया। 71 वर्ष की उम्र में वरिष्ठ चित्रकार ने अपने असि स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। चित्रकार के निधन पर कला जगत में शोक की लहर है।
वह पिछले कुछ महीनों से उम्र जनित बीमारियों से पीड़ित रहे। पिछले कई वर्षों से वह श्री संकट मोचन संगीत समारोह में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर वाहवाही बटोर चुके थे। वेद प्रकाश मित्र को ललित कला अकादमी, लखनऊ ने सम्मानित किया था। उन्हें राष्ट्रीय चित्रकार सम्मान भी मिल चुका है। फ्रांस सरकार ने भी उन्हें फ्रांसीसी चित्रकार सम्मान से नवाजा था। भोजपुरी भाषा के महाकवि पं.चंद्रशेखर मिश्र के परिवार के सदस्य रहे वरिष्ठ चित्रकार वेद प्रकाश मिश्र ने देश के कई विश्वविद्यालयों में परीक्षक के तौर पर भी अपना योगदान दिया था। अपने जीवन काल में वरिष्ठ चित्रकार ने दिल्ली की ललित कला अकादमी की ओर से रवींद्र भवन में आयोजित सप्ताह व्यापी सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी में भी अपनी प्रतिभा से प्रशंसा बटोरी थी। उनकी पांच कृतियों को कला प्रशंसकों एवं समीक्षकों ने विशिष्ट माना था। सर्वाधिक चर्चित कृति अल्पविराम रही। इस चित्र में अर्द्ध ओंकार पर विराजमान हनुमान दहकती लंका का अवलोकन करते दिखाए गए हैं। उनकी दूसरी कृति ‘बाटी चोखा’ कला समीक्षकों के बीच चर्चा का विषय रही। इस कृति में भगवान श्रीराम को काशी में बाटी-चोखा बनाते हुए दर्शाया गया है। ‘आदित्य सूर्य’, ‘नमामि गंगे’ और ‘श्रीराम’(भगवान श्रीराम का पोएट्रेट) उनकी अन्य चित्रकृतियां हैं जो कला प्रदर्शनी में सर्वाधिक सराही गईं।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी