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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बुधवार को अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याहया के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसमें उन्होंने मध्य-पूर्व की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भारत और कुवैत को निरंतर संवाद करना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए।
दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में अपने शुरुआती वक्तव्य में विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता है। व्यापार, निवेश, ऊर्जा, आईटी, संस्कृति और वाणिज्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में हम अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर कुवैत के अमीर से मुलाकात की थी। उस बैठक ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान की है। कुवैत में 10 लाख भारतीय एक समुदाय के तौर पर दोनों देशों के बीच जीवंत पुल का काम करता है। उन्होंने भारतीय समुदाय की देखभाल के लिए कुवैत सरकार का धन्यवाद किया।
कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याहया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे बुद्धिमान लोगों में से एक है। उन्हें यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को बेहतर स्तर पर ले जा रहे हैं। भारत-कुवैत का एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण भागीदार है और हम अपने संबंधों पर भरोसा करते हैं। उन्हें लगता है कि दोनों देशों के बीच बनी एक संयुक्त समिति आपस के कई मुद्दों का समाधान करेगी। हम भारत कुवैत के बीच एक रोडमैप बना सकते हैं, जिस पर तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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