गोपेश्वर, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के ज्योतिर्मठ विकास खंड के उर्गम घाटी के काश्तकारों का 30 सदस्यीय दल शुक्रवार को कृषि और बागवानी बढ़ाने के गुर सीखने के लिए हिमाचल प्रदेश के विलासपुर के लिए रवाना हुआ।
दल को रवाना करते हुए हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने बताया कि जलवायु परिर्वतन के खतरों को निपटने के लिए कृषि और बागवानी को बढाना होगा साथ ही उन्नत प्रजाति के बीजों व फलदार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षित करने की दिशा में कारगर कदम उठाने होगें तभी मौसम के बदलाव को रोका जा सकता है।
उन्होंने भ्रमण के उददेश्यों की जानकारी देते हुये कहा कि उर्गम क्षेत्र में मौसम परिर्वतन के कारण सेब के उत्पादन में निरन्तर कमी हो रही है।
सेब उत्पादन को बढान, कृषि और बागवानी क्षेत्र मे नयी तकनीको को जाने एंव समझने के लिए काश्तकारों के दल को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के विभिन्न क्षेत्रों बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वाले किसानों से रूबरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि परम्परागत कृषि में नयी तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर अपने उत्पादन में बढोत्तरी कर स्वरोगार के अवसर भी प्राप्त कर सकते हैं।
इस मौके पर हिमाद की समन्वयक प्रभा रावत, परियोजना समन्वयक भूपेन्द्र गुसाई, प्रकाश पंवार, प्रभारी पंकज पुरोहित, बहादुर सिंह रावत, धन सिंह बिष्ट, राजेन्द्र सिंह, उमा देवी, देवेश्वरी देवी, कमल सिंह आदि शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल