West Bengal

नेपाल में ज़ेन ज़ी आंदोलन की आंच, भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा

नेपाल में आंदोलन के बीच सीमा पर अलर्ट जारी -प्रतीकात्मक फोटो

दार्जिलिंग, 09 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल में ज़ेन ज़ी आंदोलन की लहर तेज़ होती ही जा रही है। इसका असर सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच गया है। आंदोलन पड़ोसी देश तक ही सीमित रहे, इसके लिए भारत ने इंडो-नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। सोमवार दोपहर से ही दार्जिलिंग जिले के पानीटंकी सीमा चौकी पर आवाजाही बंद कर दी गई है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों एक साथ कई कदम उठा रही हैं।

नेपाल में आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया है। कृषि मंत्री, क़ानून मंत्री समेत कई मंत्री भी पद छोड़ चुके हैं। इस राजनीतिक संकट और आंदोलन की वजह से नेपाल की सीमा से लगे भारतीय इलाकों में तनाव का माहौल है। पानीटंकी में भी दुकानें बंद हैं और सीमा पर सैकड़ों ट्रक खड़े हैं। अब पहचान पत्र की जांच के बिना सीमा पार करना लगभग असंभव है।भारतीय सीमा पर एसएसबी और नेपाल की ओर सेना सतर्क है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुबह से ही नाका जांच शुरू हो गई है। हर वाहन की गहन तलाशी ली जा रही है। डॉग स्क्वाड भी तैनात किया गया है। ड्राइवर और यात्रियों के नाम-पते का ब्योरा पुलिस ले रही है।

भारत के लगभग सौ ट्रक चालक और कई पर्यटक नेपाल सीमा पर फंसे हुए हैं। उनके लिए दार्जिलिंग जिला पुलिस ने 24 घंटे का कंट्रोल रूम चालू किया है। दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश ने खुद सीमा क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हमने सीमा पर नाका जांच शुरू कर दी है। भारत की ओर कोई अशांति नहीं है, लेकिन हम सतर्क हैं। नेपाल पुलिस के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है। कोई भारतीय अगर वहां परेशानी में है, तो दार्जिलिंग पुलिस की हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकता है।

सीमा पर फंसे भारतीय जल्द से जल्द वापस लौटना चाहते हैं। हावड़ा जिले के अमता निवासी मलय दत्त ने अपने अनुभव साझा किए। वे नेपाल घूमने गए थे लेकिन सोमवार को लौट आए। उन्होंने कहा कि नेपाल में हालात बहुत खराब हैं और बिगड़ रहे हैं। हम काठमांडू में थे, लेकिन हालात देखते हुए वापस लौटना पड़ा।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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