Madhya Pradesh

नागदा : पॉक्‍सो एक्ट में युवक को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

पॉक्‍सो एक्ट में युवक को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

नागदा, 22 जून (हिंस ) उज्जैन जिले के बिड़लाग्राम नागदा थाना में पंजीकृत एक अपराध के आरोपी राजू उर्फ राजेश मराठा उम्र 31 वर्ष निवासी नागदा को विशेष न्यायालय उज्जैन ने पॉक्‍सो एक्ट में कठोर दंड की सजा सुनाई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपि‍त पर एक नाबालिक के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म का आरोप था। जिसकी रिपोर्ट थाने में छह अगस्त 2023 को दर्ज की गई थी। प्रकरण क्रमाक 253/2023 में यह मामला पॉक्सो अधिनियम, एससी/ एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम तथा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दर्ज हुआ था।

विशेष न्यायघीश (पॉक्‍सो एक्ट ) चंद्रसेन मुवेल उज्जैन द्धारा पारित आदेश में दिए गए दंडित के संबंध में कहा गया कि पोक्सो अधिनियम के तहत 20-20 वर्ष सश्रम कारावास (प्रत्येक)घारा 11 (अ)/12 पॉक्सो अधिनियम 1 वर्ष, धारा 92 (ख) दिव्यांगजन अधिनियम 2016 में 1 वर्ष सश्रम कारावास तथा 4 हजार का कुल अर्थदंड दिया जाता है। प्रकरण में तत्कालीन थाना प्रभारी पिंकी आकाश उज्जैन ने विवेचना की थी तथा न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक रेवतसिंह ठाकुर ने पैरवी की।

उल्‍लेखनीय है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 “पोक्सो अधिनियम, 2012” एक ऐसा कानून है जिसका उद्देश्य बच्चों को सभी प्रकार के यौन शोषण से बचाना है। हालाँकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1989 में बाल अधिकारों पर सम्मेलन (कन्वेंशन) को अपनाया गया था, लेकिन भारत में वर्ष 2012 तक किसी भी कानून के माध्यम से बच्चों के खिलाफ अपराधों का निवारण नहीं किया गया था। यह बच्चों के खिलाफ अपराध करने के लिए कठोर निवारक उपाय प्रदान करता है, जिसमें गंभीर यौन उत्पीड़न के मामले में न्यूनतम 20 वर्ष कारावास से लेकर मृत्युदंड तक का प्रावधान है।

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(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया

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