


डूंगरपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में हिरासत में लिए गए युवक दिलीप अहारी की संदिग्ध मौत को लेकर पिछले चार दिनों से जारी धरना-प्रदर्शन बुधवार देर शाम समझौते के बाद समाप्त हो गया। वस्सी स्कूल में चोरी के मामले में कलारिया निवासी दिलीप को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान तबीयत बिगड़ने पर उसे उदयपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों और आदिवासी समाज ने पुलिस पर आरोप लगाया कि युवक को थाने में बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी मौत हुई।
मृतक के परिजनों और आदिवासी समाज की ओर से प्रशासन के समक्ष 15 सूत्रीय मांगें रखी गई थीं। चार दिन से जारी धरने और लगातार 25 घंटे चली वार्ताओं के बाद बुधवार देर शाम सहमति बनी। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए और धरना समाप्त कर दिया गया। समझौते के तहत दोवड़ा थाने के थानाधिकारी सहित पाँच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। साथ ही, मृतक के पिता को टीएडी विभाग के रघुनाथपुरा छात्रावास में संविदा पर नौकरी देने और परिजनों को लगभग 27 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की लिखित स्वीकृति जारी की गई। इसके अलावा, मृतक की माता की रिपोर्ट पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने थानाधिकारी तेजकरण चारण, जांच अधिकारी हेडकांस्टेबल सुरेश भगोरा, देवसोमनाथ चौकी प्रभारी वल्लभराम पाटीदार और कांस्टेबल पुष्पेंद्रसिंह व माधवसिंह को निलंबित कर रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात कर दिया है। इससे पहले मंगलवार देर रात कलेक्ट्रेट में हुई बैठक बेनतीजा रही थी, जिसमें प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत, विधायक उमेश डामोर, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक रनोली, बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। बाद में बुधवार को पुनः शुरू हुई वार्ता में समाधान निकला और धरना समाप्त हुआ।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
