
शिमला, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून से लोगों को अभी राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान मंगलवार को छह जिलों में अंधड़ व बिजली कड़कने के साथ वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। ये अलर्ट बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में रहेगा। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। इसके बाद मॉनसून धीमा पड़ेगा और भारी बारिश में कमी आएगी। 17 से 20 सितंबर तक प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है। 20 सितंबर को उच्च पर्वतीय इलाकों में मौसम साफ हो जाएगा। वहीं 21 सितंबर को मैदानी इलाकों को छोड़कर मध्यवर्ती व उच्च पर्वतीय इलाकों में मौसम साफ हो जाएगा।
बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के अनेक क्षेत्रों में बादल जमकर बरसे। बीते 24 घंटों के दौरान चंबा जिला के चुआड़ी में सर्वाधिक 100 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में 60, कांगड़ा जिला के पालमपुर में 50, मंडी जिला के पंडोह में 40, कांगड़ा के गग्गल में 30, नगरोटा सूरियां में 30, मंडी में 30, सराहन में 20, भरेड़ी में 20, करसोग में 20 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है।
भारी वर्षा के चलते प्रदेश के कई जिलों में यातायात और बिजली-पानी की व्यवस्था अभी भी चरमराई हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार शाम तक प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे और कुल 490 सड़कें बंद हैं। इनमें कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 व 153 सड़कें, मंडी में 152, शिमला में 57, कांगड़ा में 29, चंबा में 26, सिरमौर में 19, बिलासपुर में 12 और ऊना जिले में एनएच-503ए व 17 सड़कें शामिल हैं। इसके अलावा राज्य में 352 बिजली ट्रांसफार्मर और 163 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। मंडी में सबसे अधिक 170, कुल्लू में 75, हमीरपुर में 74, चंबा में 28 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं जबकि मंडी में 53 व शिमला में 49 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं।
मॉनसून की तबाही का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 409 लोगों की मौत हो चुकी है, 473 लोग घायल हुए हैं और 41 लोग लापता हैं। जिला स्तर पर सबसे अधिक 61 मौतें मंडी में हुई हैं। कांगड़ा में 56, चंबा में 50, शिमला में 47, कुल्लू में 44 और सोलन में 31 लोगों की जान गई है। भारी बारिश और आपदा से 1,478 मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं जबकि 6,298 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 490 दुकानें और 6,147 गौशालाएं भी ढह चुकी हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। अब तक 2,109 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार इस मॉनसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के रूप में 4,504 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है। लोक निर्माण विभाग को सड़कों और पुलों के टूटने से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अब तक राज्यभर में 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
