
जम्मू, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । एक्स सेंट्रल पैरामिलिटरी फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन, जम्मू-कश्मीर इकाई ने सोमवार को गांधी नगर, जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स के कर्मियों से जुड़ी लंबित मांगों को लेकर चिंता व्यक्त की गई। प्रेस वार्ता के दौरान वक्ताओं ने बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने वर्ष 2012 में ही गृह मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिसमें सीएपीएफ कर्मियों को रक्षा बलों के पूर्व सैनिकों के समान लाभ देने की अनुशंसा की गई थी। हालांकि इस आदेश के लागू न होने से अभी तक सेवानिवृत्त अर्धसैनिक कर्मियों को समान लाभ नहीं मिल पाए हैं।
संघ ने कहा कि यद्यपि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को गृह मंत्रालय के अधीन सशस्त्र बलों का दर्जा प्राप्त है फिर भी उनकी सेवा शर्तें रक्षा कर्मियों से अलग रखी गई हैं। उदाहरणस्वरूप सीआरपीएफ कर्मियों पर केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 लागू है जिसके कारण वे कई सुविधाओं से वंचित हैं। संघ ने मांग की कि समान परिस्थितियों में सेवा देने वाले सीएपीएफ कर्मियों को भी समान सेवा शर्तें और सेवानिवृत्ति लाभ दिए जाएँ। साथ ही उन्होंने सातवें वेतन आयोग के तहत लंबित बकाया भुगतान और 18 महीने के रोके गए महंगाई भत्ते को जल्द जारी करने की भी मांग की।
संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी जायज़ मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों में असंतोष फैल सकता है। उन्होंने वन रैंक, वन पेंशन नीति को सभी अर्धसैनिक बलों पर लागू करने और लंबित पारिवारिक पेंशन व कल्याणकारी लाभों का शीघ्र निपटारा करने की अपील की।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
