Uttar Pradesh

वाराणसी में नागपंचमी पर्व का उत्साह,अखाड़ों में पहलवानों ने दिखाया दम

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घर-घर पूजे गए नागदेवता,सपेरे टोकरी में नाग लेकर लोगों को दर्शन कराने में जुटे

वाराणसी, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नागपंचमी (सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी)पर्व मंगलवार को उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। पर्व पर विधि विधान से घर-घर नागदेवता का पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर नागों के चित्र की पूजा कर उन्हें पंचामृत, घृत, कमल, दूध, लावा अर्पित किया गया।

जनपद के शिवमंदिरों में भी पूजा की थाली लेकर पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान शिव व उनके गले में लिपटे सर्प को बेल पत्र, धतूरा, फूल, हल्दी चावल, दूध आदि चढ़ाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की। नाग पंचमी पर्व पर ही काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पर्व पर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए कांवड़िए और श्रद्धालु अलसुबह से ही कतारबद्ध होने लगे थे। पूजन अर्चन के बाद सनातनियों के घरों में पकवान बना कर नागदेवता को भोग लगाया गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने पकवान को हंसी खुशी माहौल में खाया।

वहीं, इस मौके पर कई घरों में परिजनों की कालसर्प योग की शांति के लिए नाग देवता सहित ग्रह राहु-केतु की पूजा अर्चना विधिवत वैदिक ब्राम्हणों से कराई गई। इसके पूर्व पर्व पर अलसुबह छोटे गुरु का, बड़े गुरु का, नाग लो भई नाग लो की हांक लगा छोटे-छोटे बच्चे नाग देवता का चित्र बेचने के लिए हर गली मोहल्ले में घूमते रहे। लोग बड़े चाव से बच्चों से नाग देवता की तस्वीर खरीद पूजा पाठ करते थे।

उधर, परम्परानुसार पर्व पर दोपहर में अखाड़ों में मल्लयुद्ध, दंगल, महुवर आदि का प्रदर्शन हुआ। सपेरे टोकरी में नाग लेकर लोगों को दर्शन कराके अच्छा खासा चढ़ावा भी पाते रहे। पर्व पर सुबह से नगर के अखाड़ों में युवा और पुरनिये पहलवान मिट्टी की पूजा पाठ के बाद कुश्ती और अन्य शारीरिक दमखम की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। वार्मअप, दमकसी और भुजाओं को गरमाने के लिए अखाड़ों में युवा पहलवान दण्ड बैठक मारते दिख। यह नजारा नगर के प्रमुख अखाड़ा रामसिंह, गयासेठ, पंडाजी का अखाड़ा, अखाड़ा मानमंदिर, बबुआ पांडेय अखाड़ा, अखाड़ा बड़ा गणेश, अखाड़ा जग्गू सेठ, अखाड़ा रामकुंड, लालकुटी व्यायामशाला, कालीबाड़ी, अखाड़ा गैबीनाथ, अखाड़ा तकिया सहित सभी छोटे बड़े अखाड़ो में दिखा।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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