Haryana

झज्जर के गांव खुड्डन में हुआ पहलवान बजरंग पूनिया के पिता का अंतिम संस्कार

बलवान सिंह पूनिया को मुखाग्नि देते उनके बड़े पुत्र हरेंद्र। साथ में मौजूद हैं बजरंग पूनिया।

झज्जर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता और ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह पूनिया शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका झज्जर स्थित उनके पैतृक गांव खुड्डन में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। बजरंग पूनिया के बड़े भाई हरेंद्र पूनिया ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। गुरुवार की शाम को राजधानी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान बलवान सिंह पूनिया ने अंतिम सांस ली थी। उनके दोनों फेफड़े खराब हो गए थे।

पहलवान बजरंग पूनिया के पिता बलवंत सिंह पूनिया के अंतिम संस्कार के अवसर पर बड़ी संख्या में कुश्ती खिलाड़ियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों के साथ-साथ ग्रामीण भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। बजरंग पूनिया के ससुर महावीर फोगाट, पहलवान बबीता फोगाट के पति विवेक सुहाग, साक्षी मलिक के पति अर्जुन अवार्ड विजेता सत्यव्रत कादयान भी इस दौरान मौजूद रहे और शोकाकुल परिवार का ढांढस बंधाया। बलवान सिंह पूूनिया के अंतिम संस्कार के बाद पूूनिया परिवार ने मीडिया के कैमरे से दूरी बनाए रखी। हालांकि उन्होंने बलवान सिंह पूनिया को सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।

पहलवान बजरंग पूूनिया के प्रथम गुरु लाला दीवान चंद योग एवं कुश्ती केंद्र सर के संचालक आर्य वीरेंद्र ने भी इस मौके पर बजरंग के पिता बलवान सिंह पूनिया को श्रद्धांजलि अर्पित की। बजरंग पहलवान के पिता बलवंत सिंह की आयु करीब 71 साल रही। वह 18 दिन से दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। बलवान सिंह पूनिया स्वयं भी अपनी युवावस्था में अच्छे पहलवान रहे। वह कुश्ती में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान नहीं बना पाए। उन्होंने अपने बेटे बजरंग को श्रेष्ठ पहलवान बनाने का संकल्प लिया। आर्य वीरेंद्र पहलवान ने बताया कि बलवान सिंह ने बजरंग की सफलता के लिए कड़ी मेहनत की। उसको श्रेष्ठ खुराक और अन्य सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाए। अंततः बजरंग को ओलंपिक तक में सफलता मिली।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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