
रांची, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । शारदीय नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की उपासना राजधानी रांची के विभिन्न पूजा पंडालों, मंदिरों और घरों में श्रद्धा एवं भक्ति भाव से की गयी।
नवरात्र में मां कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। मां दुर्गा का यह स्वरूप हमें सिखाता है कि श्रद्धा और साहस से हर अंधकार पर विजय मिल सकती है। नवरात्रि की महासप्तमी पर मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को भयमुक्ति, साहस, शनि, राहु, केतु दोष से शांति और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि का उग्र रूप हमें यह सिखाता है कि अज्ञान, भय और पाप के अंधकार को केवल देवी की कृपा से ही नष्ट किया जा सकता है।
राजधानी रांची में शारदीय नवरात्रि की रौनक देखने को मिल रही है। पिछले तीन-चार दिनों से श्रद्धालु बारिश के बावजूद रांची में बने एक से बढ़कर एक पूजा पंडालों में जाकर मां दुर्गा का दर्शन कर आशिर्वाद ले रहे हैं। दिन से अधिक रात में पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पंडालों में लाइट की विशेष सजावट की गई है, जो पंंडालों की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है। पूजा पंडालों के पास लगे मेलों में श्रद्धालू सपरिवार पहुंच रहे हैं और विभन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं।
मंगलवार को महाअष्टमी के अवसर पर माता महागौरी की पूजा विधि-विधान से की जाएगी। महाअष्टमी पर महिलाएं माता महागौरी का व्रत रखती हैं और दिनभर उपवास रखकर शाम में माता की पूजा करती हैं। व्रती इस अवसर पर माता को श्रृंगार की सामग्री भेंट कर उनसे अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
