मुंबई, 14 सितंबंर (Udaipur Kiran) । वर्ली-शिवड़ी कनेक्टर परियोजना का काम एलफिस्टन ब्रिज के कारण रूका हुआ था। लेकिन अब इस परियोजना का काम फिर गति पकड़ने जा रहा है। एमएमआरडीए अधिकारियों ने इसका काम दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाने की जानकारी दी है।
वर्ली-शिवड़ी कनेक्टर परियोजना दक्षिण मुंबई के यातायात में अहम भूमिका निभाएगी। यह परियोजना अटल सेतु से जुड़ेगी। इससे बांद्रा-वर्ली सी लिंक को भी कनेक्टिविटी मिलेगी. इसका 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके बनने के बाद नरीमन प्वाइंट और उपनगरों की ओर आना-जाना आसान हो जाएगा। राज्य सरकार ने वर्ली-शिवड़ी कनेक्टर परियोजना का काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। हालांकि एलफिस्टन ब्रिज ने इसकी राह रोक दी थी।
अब एमएमआरडीए एलफिस्टन ब्रिज को तोड़कर नया डबल डेकर ब्रिज बनाने जा रहा है। ब्रिज का काम 16 महीने में पूरा हो जाएगा।
लगभग 125 साल पुराना एलफिस्टन पुल को तोड़कर 132 मीटर लंबा और 27 मीटर ऊंचा डबल डेकर ब्रिज बनाया जाएगा। इस ब्रिज के दूसरे तल से वर्ली-शिवड़ी एलिवेटेड रोड अटल सेतु की ओर जाएगी। स्थानीय यातायात के लिए पुल की पहली मंजिल के दोनों छोर पर पहुंच मार्ग होगा। 156 मीटर लंबी कनेक्टिंग सड़क परेल की ओर जाएगी, जबकि 209 मीटर लंबी कनेक्टिंग सड़क वर्ली की ओर जाएगी। इस डबल डेकर पुल के निर्माण पर लगभग 168 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
शिवड़ी- वर्ली कनेक्टर मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक अटल सेतु और वर्ली सी फेस को जोड़ेगा। इस कनेक्टर से मुंबई से रायगढ़ की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। परेल टीटी से सीधे रायगढ़ 25 से 30 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। इससे संमय और ईंधन की बचत होगी। इस कनेक्टर से नवी मुंबई से सेंट्रल और साउथ मुंबई आने-जाने वाले यात्रियों को सिग्नल-फ्री व समय बचाने वाले रूट का लाभ मिलेगा। अटल सेतु से जुड़ने से रायगढ़ के रास्ते कोकण, गोवा, दक्षिण भारत की ओर सड़क मार्ग से आने-जाने वालों लोगों को आसानी होगी।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
