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शिमला में सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला, राह वीर योजना और मुफ्त इलाज की दी जानकारी

सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला

शिमला, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश की राजधानी शिमला में सड़क सुरक्षा को लेकर सोमवार को एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि शिमला जिला मुख्यालय होने के कारण सड़क सुरक्षा की दृष्टि से विशेष परिस्थितियों वाला इलाका है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा।

उपायुक्त ने ‘राह वीर योजना’ की जानकारी देते हुए बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले व्यक्ति को 25 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, ताकि लोग बिना हिचक के घायलों की मदद कर सकें और राज्य स्तर के कार्यक्रमों में उनका सम्मान भी हो सके। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बिना किसी अग्रिम भुगतान या औपचारिक प्रक्रिया के सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भी उपलब्ध कराया जाता है। उपायुक्त ने इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें।

उपायुक्त ने कहा कि राजधानी क्षेत्र होने के कारण पुलिस विभाग को भी विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन की प्राथमिकता रहेगी कि पुलिस विभाग को सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चलाना और चलते वाहन के सनरूफ से सेल्फी लेना सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण बन रहे हैं, जिन पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने उपमंडल स्तर के अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर स्थानीय कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। साथ ही परिवहन विभाग को जिला आधारित सड़क सुरक्षा पुस्तिका तैयार करने के भी निर्देश दिए, जिसे जागरूकता अभियानों में इस्तेमाल किया जा सके।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने कहा कि सड़क दुर्घटना के समय सबसे पहले पुलिस ही मौके पर पहुंचती है, इसलिए विभाग को हमेशा पर्याप्त संसाधनों की जरूरत रहती है, जिनमें वाहन, सीसीटीवी कैमरे और अन्य उपकरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के प्रयासों से पिछले दो–तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई है। उन्होंने उपायुक्त से अनुरोध किया कि सड़क सुरक्षा सेल के माध्यम से पुलिस को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम जनता को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं, जिन्हें वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। अपनी प्रस्तुति में उन्होंने सड़क सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की जानकारी भी साझा की।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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