
धर्मशाला, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय धर्मशाला में मंगलवार को तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला का आयोजन प्रदेश भर के आर्टस विषय के विषय विशेषज्ञों के लिए करवाया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के सौ शिक्षक भाग ले रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 में जब बोर्ड परीक्षाओं में पहली बार कम्पीटेंसी बेस्ड प्रश्न पत्र लागू किए गए थे, इन प्रश्न पत्रों का विश्लेषण एक प्रोफेशनल एजेंसी से करवाया गया। इस विश्लेषण में पाया गया कि आट्र्स विषयों के पेपर्स में अभी भी कई खामियां मौजूद थीं, जबकि कॉमर्स, साइंस और अन्य विषयों के प्रश्न पत्र अपेक्षित स्तर के पाए गए।
इसी कमी को दूर करने के लिए बोर्ड ने आट्र्स विषयों पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। इस कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 100 विषय विशेषज्ञों को बुलाया गया है। इनके प्रशिक्षण के लिए दिल्ली और ‘परख’ जैसी संस्थाओं से विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस वर्कशॉप का उद्देश्य आट्र्स विषयों के प्रश्न पत्रों को कम्पीटेंसी बेस्ड पैटर्न के अनुरूप मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रश्न पत्रों में 50 प्रतिशत तक कम्पीटेंसी बेस्ड प्रश्न शामिल नहीं हो जाते, तब तक इस तरह की ट्रेनिंग लगातार जारी रहेगी
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तर पर भी लगातार शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कांगड़ा जिले में हाल ही में एक महीने तक रोजाना शिक्षकों की ट्रेनिंग करवाई गई है। बोर्ड के पास 70 से 100 तक अपने मास्टर ट्रेनर भी उपलब्ध हैं, जो अलग-अलग फॉर्मेट में प्रशिक्षण दे रहे हैं जैसे ऑफलाइन ट्रेनिंग और ऑनलाइन सत्र।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
