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वर्कमेट्स का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च, 13 नवंबर तक लगा सकते हैं बोली

सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च हुआ वर्कमेट्स का आईपीओ

नई दिल्ली, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्केलेबल और इनोवेटिव क्लाउड सॉल्यूशन प्रदान करने वाली कंपनी वर्कमेट्स कोर2क्लाउड का 69.84 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 13 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 14 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 17 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 18 नवंबर को बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हो सकते हैं।

इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 200 रुपये से लेकर 204 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 600 शेयर का है। इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 2 लॉट यानी 1,200 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 2,44,800 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले कुल 34,23,600 शेयर जारी हो रहे हैं। इनमें 55.84 करोड़ रुपये के 27,37,200 नए शेयर और 10.50 करोड़ रुपये के 5,14,800 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे जा रहे हैं।

आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 10 नवंबर को कंपनी ने 5 एंकर इनवेस्टर्स से 19.58 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में इनविक्टा कॉन्टिनम फंड सबसे बड़ा इनवेस्टर रहा। इसने कंपनी से 4,93,200 शेयर खरीदे। इसके अलावा, भारत वेंचर अपॉर्च्यूनिटीज फंड, अवोरा एसएमई फंड, विजनरी वैल्यू फंड और एमीकॉर्प कैपिटल (मॉरीशस) लिमिडटेड के नाम भी एंकर बुक में शामिल हुए हैं।

इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 47.39 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 33.30 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.30 प्रतिशत हिस्सा और मार्केट मेकर्स के लिए 5.01 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए हॉरिजन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। जबकि गिरिराज स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मार्केट मेकर है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.86 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 5.35 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 13.93 करोड़ रुपये हो गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने यानी अप्रैल से अगस्त 2025 में कंपनी को 7.22 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।

इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 29.14 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 53.53 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 108.39 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने यानी अप्रैल से अगस्त 2025 में कंपनी को 59.55 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 3.60 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 8.95 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 22.89 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने यानी अप्रैल से अगस्त 2025 में ये 20.09 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 2.70 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 7.70 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 19.05 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने यानी अप्रैल से अगस्त 2025 में ये 10.62 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक