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एसबीआई यूथ फॉर इंडिया फेलोशिप में महिलाओं की दमदार कामयाबी, 72 में से 9 पश्चिम बंगाल से

संज्ञा माहंती एसबीआई यूथ फॉर इंडिया फैलोशिप में चुनी गई

कोलकाता, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । एसबीआई द्वारा संचालित देश के प्रतिष्ठित यूथ फॉर इंडिया फेलोशिप कार्यक्रम में इस वर्ष पश्चिम बंगाल के प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। पहले चरण में चयनित कुल 72 उम्मीदवारों में से 9 पश्चिम बंगाल की होनहार युवा महिलाएं हैं।

बंगाल से जिन लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है वे हैं -अमर थामी, अंकिता सोम, दुर्गाशंकर सिंघ महापात्र, काजी संजीदा परवीन, मैत्री उपाध्याय, नालंदा बसु, सहेली गुहा ठाकुरता, संजना महंती और श्रीजा विश्वास।

इन चयनित फेलोज का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आगामी 2 अगस्त से राजस्थान के किशनगढ़ स्थित तिलोनिया के प्रसिद्ध बेरफुट कॉलेज में शुरू होगा, जहां उन्हें सामाजिक विकास से जुड़ी बारीकियों की समझ और कार्यक्षेत्र के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

इस फेलोशिप में पश्चिम बंगाल की संजना महंती इस वर्ष की प्रेरणादायक प्रतिभागियों में से एक हैं। संजना ने लेडी ब्रेबॉर्न कॉलेज से प्राणी विज्ञान में शानदार प्रदर्शन किया और हाल ही में कोलकाता विश्वविद्यालय से जैव-रसायन में एमएससी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।

एसबीआई यूथ फॉर इंडिया फेलोशिप की अवधि कुल 13 माह की होती है। चयनित युवा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सामाजिक विकास से जुड़े वास्तविक मुद्दों पर काम करते हैं। उन्हें न सिर्फ कक्षा में प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि जमीनी स्तर पर जाकर परियोजनाएं भी तैयार करनी होती हैं। इस वर्ष फेलोशिप के लिए देशभर से लगभग 90 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे। न्यूनतम योग्यता स्नातक रखी गई थी और आयु सीमा 21 से 32 वर्ष के बीच निर्धारित थी। चयन प्रक्रिया में कोई लिखित परीक्षा नहीं होती, बल्कि आवेदन पत्र में दिए गए विवरण और निर्देशों के आधार पर उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग की जाती है।

वर्ष 2025 की चयन प्रक्रिया में लगभग 900 प्रतिभागियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया गया, जिसमें समूह चर्चा, व्यक्तिगत साक्षात्कार, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सोच जैसे पहलुओं की बारीकी से जांच की गई। अंततः दो चरणों में देशभर से करीब 100 फेलोज का चयन हुआ। फेलोशिप में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों को देश के किसी दूसरे राज्य में भेजा जाता है, जिससे उनमें विविधता के साथ काम करने की समझ विकसित होती है और उनकी दृष्टि व्यापक होती है। कार्यक्रम के अंत में उन्हें शॉर्ट टर्म स्टाइपेंड के साथ एकमुश्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। यह फेलोशिप देश की 14 नामी गैर-सरकारी संगठनों के साथ एसबीआई की साझेदारी में चलाई जाती है। चयनित फेलोज को इन्हीं संगठनों के माध्यम से मार्गदर्शन व प्रोजेक्ट असाइनमेंट दिए जाते हैं। उनके रहने, खाने और यात्रा की व्यवस्था एसबीआई की ओर से की जाती है।

गौरतलब है कि फेलोशिप के बाद जिन प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट योगदान दिया होता है, उन्हें इन एनजीओ में नौकरी के अवसर भी प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, यह अनुभव उनके प्रोफेशनल करियर, विशेष रूप से एसबीआई प्रोबेशनरी ऑफिसर और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में, अतिरिक्त योग्यता और आत्मविश्वास के रूप में कार्य करता है। हर साल इस फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया फरवरी के अंत से अप्रैल के पहले सप्ताह तक खुली रहती है। इच्छुक अभ्यर्थी इसके लिए यूट्यूब और आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध विस्तृत मार्गदर्शन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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