
— राजगढ़ सीएचसी का औचक निरीक्षण कर दिए कड़े निर्देश
मीरजापुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । राज्य महिला आयोग की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को राजगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। टीम की अगुवाई कर रहीं सदस्य नीलम प्रभात ने जबरन गर्भपात की शिकार एक पीड़िता से अलग कमरे में मुलाकात की और मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। आयोग की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन में भी हलचल मच गई।
पीड़िता ने डेढ़ महीने पहले पति द्वारा जबरन गर्भपात कराए जाने की शिकायत थाना राजगढ़ में दर्ज कराई थी, परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो युवती ने राज्य महिला आयोग को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई। इसी शिकायत के आधार पर आयोग की टीम बुधवार को राजगढ़ सीएचसी पहुंची।
राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने पीड़िता से बंद कमरे में आधे घंटे तक बात कर पूरी घटना की जानकारी ली। उन्होंने युवती को आश्वस्त किया कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए आयोग स्तर से हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इस दौरान महिला थाना निरीक्षक भानुप्रिया, राजगढ़ थाना प्रभारी महेंद्र पटेल, सीएचसी अधीक्षक डॉ. पवन कुमार कश्यप, डॉ. संतलाल, डॉ. अनूप सिंह, फार्मासिस्ट नीरज चतुर्वेदी, पंकज शुक्ला सहित समस्त स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।
स्वास्थ्य केंद्र में सुधार के निर्देश, मिली अनियमितताओं की शिकायतें
निरीक्षण के दौरान महिला आयोग की सदस्य ने सीएचसी सभागार में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. पवन कुमार कश्यप समेत सभी डॉक्टरों व कर्मचारियों की बैठक ली और कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी कर्मचारियों को यूनिफॉर्म और नेम प्लेट के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को आसानी से पहचान हो सके।
उन्होंने क्षेत्र में खुले निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड केंद्रों की अनियमितताओं पर चिंता जाहिर करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। यह भी कहा गया कि यह देखा जाए कि इन संस्थानों में कार्यरत डॉक्टर और तकनीकी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं या नहीं।
भ्रूण परीक्षण व दलाली पर नाराजगी, दिए कार्रवाई के निर्देश
राजगढ़ क्षेत्र के कुछ निजी अस्पतालों में भ्रूण परीक्षण की शिकायतें भी आयोग को प्राप्त हुई थीं। नीलम प्रभात ने इस पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसी घोर अवैध गतिविधियों पर त्वरित जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ स्वास्थ्यकर्मी निजी अस्पताल संचालकों से मिलीभगत कर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं, जो गंभीर भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस प्रवृत्ति पर तत्काल अंकुश लगाया जाए और दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाए।
महिला सुविधाओं की ली जानकारी
निरीक्षण के दौरान आयोग की सदस्य ने महिला प्रसव वार्ड, डिलीवरी कक्ष, दवा वितरण केंद्र, टीकाकरण, नसबंदी आदि से संबंधित सेवाओं का जायजा लिया और महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिला मरीजों को सम्मानजनक एवं समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
