Uttrakhand

महिलाओं को लखपति दीदी से करोड़पति दीदी बनाने के विजन के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं सहायता समूहों से वर्चुअल संवाद करते।

-सरकारी कार्यक्रमों में महिला स्वयं सहायता समूहों के बने उत्पाद ही होंगे उपयोग

-जिलाधिकारियों को ग्रोथ सेन्टर में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश

देहरादून, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की महिलाओं को लखपति दीदी से करोड़पति दीदी बनाने के विजन के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा। मातृशक्ति ही उत्तराखंड की आर्थिक व सामाजिक क्रान्ति की सबसे बड़ी संवाहक है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रमों व समारोहों में केवल महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से बनाए गए स्मृति चिन्ह,शॉल व भेंट आदि ही उपयोग में लाने के शासनादेश को जारी करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय से राज्य के विभिन्न विकासखण्डों में महिला स्वयं सहायता समूहों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति आई है जिसका लाभ महिला स्वयं सहायता समूह को भी उठाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं को ग्रोथ सेन्टर में प्रशिक्षण दिलवाने,महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार उत्पादों को राज्य के अम्बै्रला ब्राण्ड हॉउस ऑफ हिमालयाज से जोड़ने, सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए उत्पादों की क्वालिटी कण्ट्रोल पर विशेष ध्यान देने और उत्पादों की बेहतरीन पैंकेजिंग व मार्केटिंग को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रत्येक जनपद की विभिन्न विकासखण्डों के बहुत से महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद करते हुए उनके स्वयं सहायता समूहों की ओर से कौन-कौन से उत्पाद बनाए जा रहे हैं, स्वयं सहायता समूहों को कितना लाभ हो रहा है, हर स्वयं सहायता समूहों से कितनी महिलाएं जुड़ी हैं, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के बाद महिलाओं की आय में कितनी वृद्धि हुई, समूहों में कार्य करने से महिलाओं को क्या लाभ हुआ, महिलाओं की ओर से बनाएं गए उत्पादों की आपूर्ति की क्या स्थिति है, जैसी विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से उनके उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटल प्लेटफ्रॉम के उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में महिला स्वयं सहायता समूहों से सहयोग व सहायता करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से एसएचजी के और अधिक विस्तार व महिलाओं को स्वरोजगार में प्रोत्साहन के सम्बन्ध में सरकार को सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया।

उत्तराखंड में 68 हजार स्वयं सहायता समूहों से लगभग 5 लाख से अधिक महिलाएं संगठित होकर अपना व्यवसाय कर रही हैं। आज 7 हजार से अधिक ग्राम्य संगठन और 500 से अधिक क्लस्टर संगठनों के माध्यम से राज्य की महिलाएं सामूहिक नेतृत्व की एक अद्वितीय मिसाल पेश कर रही हैं।

मुख्यमंत्री धामी का स्वदेशी आग्रह:

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से ये आग्रह भी करना चाहता हूं, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देशवासियों से ये आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करें, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारा संकल्प और भी सशक्त हो सके।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, अपर सचिव झरना कमठान एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं 95 विकासखण्डों से विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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