
कोलकाता, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
डेंगू के बाद अब जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) का खतरा जलपाईगुड़ी जिले में गहराने लगा है। पहाड़पुर गांव की 53 वर्षीय महिला की संदिग्ध जेई संक्रमण के कारण मौत हो गई है, जबकि एक अन्य संक्रमित वृद्ध आईसीयू में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पशु संसाधन विभाग ने इस संबंध में सतर्कता और जांच अभियान तेज कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि, पहाड़पुर गांव की निवासी ऊषा राय को जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों के चलते जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया था। कई दिनों तक इलाज के बाद गुरुवार रात उनकी मौत हो गई। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मौत सीधे जेई संक्रमण से हुई या नहीं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि महिला को एंसेफालोपैथी हुआ था, लेकिन इस बीमारी के पीछे जेई वायरस है या कोई अन्य कारण, इसकी जांच की जा रही है।
इसी तरह बाहादुर ग्राम पंचायत के निवासी 58 वर्षीय रूपलाल हाज़रा को भी संदिग्ध जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों के कारण जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनके परिजनों के अनुसार, वह 11 जुलाई से बुखार से पीड़ित हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि जापानी इंसेफेलाइटिस का वायरस मुख्य रूप से क्यूलेक्स बिसनुई प्रजाति के मच्छरों के माध्यम से फैलता है। यह वायरस पहले सूअरों के शरीर में पलता है और जब मच्छर उन्हें काटते हैं, तो वायरस मच्छरों में आ जाता है। बाद में वही मच्छर इंसानों को काटते हैं जिससे संक्रमण फैलता है।
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पशु पालन विभाग सक्रिय, सूअर हटाने के निर्देश
खतरे की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक हुई है। पहाड़पुर और बाहादुर ग्राम पंचायतों में व्यापक खोज अभियान शुरू किया गया है। पहाड़पुर में कोई सूअर फार्म नहीं मिला, लेकिन बाहादुर गांव में दो सूअर फार्म मिले हैं जिन्हें जल्द हटाने का निर्देश प्रशासन ने दिया है।
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी असीम हालदार ने बताया कि जहां भी यह रोग सामने आया है, वहां सूअर पालन की स्थिति की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर चार किलोमीटर तक उड़ सकते हैं, इसलिए संक्रमण की संभावना दूर-दूर तक फैल सकती है। इसी कारण जलपाईगुड़ी नगर पालिका को भी सतर्क किया गया है। दोनों प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग और निगरानी अभियान चलाया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
