
लखनऊ, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विकास की नई इबारत लिखी है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की गणना पिछड़े राज्यों में होती थी। योगी ने अपने कुशल नेतृत्व में कानून व्यवस्था स्थापित की और राज्य में निवेश और उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया। उत्तर प्रदेश आज वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी बनने की राह पर है।
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। अब ये सिर्फ संख्या में नहीं बल्कि विकास की दिशा में भी अगुआ बनने की राह पर है। पिछले साढ़े 8 वर्षों में राज्य ने तीन बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। पहला, एक जिला एक उत्पाद(ODOP) के तहत युवाओं को रोजगार देना। दूसरा, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) का तेजी से विकास। तीसरा, कृषि-टेक्नोलॉजी-महिलाओं पर विशेष फोकस। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को “परंपरा से प्रगति” की राह पर चलने वाला मॉडल बनाया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार ओडीओपी सेक्टर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के तहत 5 लाख से अधिक युवाओं को बैंकों से जोड़ा गया है जो स्वरोजगार की गारंटी देता है। ओडीओपी योजना की सफलता के कारण उत्तर प्रदेश निर्यात का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। 2016-17 में राज्य का निर्यात लगभग 80,000 करोड़ था, जो बढ़कर 1.56 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। ओडीओपी उत्पादों का हिस्सा राज्य के निर्यात का करीब 70 फीसदी तक पहुंच चुका है।
उत्तर प्रदेश में लघु एवं मध्यम उद्योग ने विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ हैं। यह देश में सर्वाधिक हैं। सूक्ष्म इकाइयों से लेकर छोटी विनिर्माण इकाइयां जिसमें रेल-मेनेटल, कपड़ा, हैंडीक्राफ्ट, खाद्य-प्रोसेसिंग हैं। रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर 1 करोड़ निवेश से लगभग 8 रोजगार उत्पन्न हो सकते हैं। इस प्रकार लघु उद्योगों ने स्थानीय स्तर पर विकास की नींव रखी है। जहां बड़े उद्योग दूर-दराज होते हैं, वहीं एमएसएमई ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता को गति प्रदान की है।
उत्तर प्रदेश में कृषि और टेक्नोलॉजी ने विकास को बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ाया है। कृषि-उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए फूड-प्रोसेसिंग क्लस्टर, फल-फूल निर्यात मंडल, कोल्ड-चेन इंफ्रा जैसी परियोजनाएँ चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम विकसित करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज और बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
महिलाओं की भागीदारी ने भी राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया है। 2025 में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 42 फीसदी तक पहुंच गई है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सामाजिक परिवर्तन का संकेत है। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से महिलाओं को ई-मोबाइल तकनीक, स्मार्ट कृषि जानकारी, डिजिटल मार्केटिंग जैसे उपकरण मिले हैं, जिससे ग्रामीण महिला उद्यमिता को मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण (ड्रोन दीदी) खेती-किसानी को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ जैसी पहल की गई है। इसके तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को टेक्नोलॉजी-आधारित रोजगार मिल रहा है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन