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गलत वर्तनी, टाइपिंग की गलतियों के आधार पर वसीयत को चुनौती नहीं दी जा सकती : प्रिया कपूर

दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली उच्च न्यायालय में दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की 30 हजार करोड़ की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग के मामले पर सुनवाई के दौरान संजय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर ने आज दलील दी कि दिवंगत उद्योगपति की तलाकशुदा पत्नी करिश्मा कपूर के बच्चे अपने पिता की वसीयत को कुछ गलत वर्तनी और पते के आधार पर चुनौती नहीं दे सकते हैं।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से दायर याचिका पर अब 17 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

सुनवाई के दौरान बुधवार काे प्रिया कपूर के वकील राजीव नय्यर ने कहा कि पूरी याचिका में कहीं भी वसीयत को चुनौती नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रिया कपूर ने वसीयत का खुलासा 30 जुलाई को किया था। याचिकाकर्ता के पास इसको चुनौती देने के लिए दो मौके थे । उन्होंने कहा कि वसीयत को सबके सामने पढ़कर सुनाया गया था जिसमें याचिकाकर्ता भी शामिल थे। ये सबको पता था कि संजय कपूर ने वसीयत कर रखी है। नय्यर ने कहा कि उच्च न्यायालय में बंटवारे की अर्जी 9 सितंबर को दाखिल की गई। उस याचिका में भी वसीयत को कोई चुनौती नहीं दी गई है। याचिकाकर्ता को वसीयत की प्रति भी 15 सितंबर को उपलब्ध करा दी गई थी। याचिकाकर्ता ने वसीयत को निरस्त करने की भी मांग अपनी अर्जी में नहीं की।

नय्यर ने कहा कि वसीयत को चुनौती देने का आधार ये होता है कि वसीयत करते समय मृतक की दिमागी हालत ठीक नहीं थी या उस पर कोई दबाव था वो इस स्थिति में नहीं था कि वो वसीयत लिख सके। उन्होंने कहा कि आज तक वसीयत को चुनौती देने का आधार गलत वर्तनी, गलत पता या गलत सर्वनाम नहीं बनाया गया है। नय्यर ने कहा कि वसीयत पर किए गए हस्ताक्षर पर किसी ने विवाद नहीं किया।

इसके पहले की सुनवाई के दौरान करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि संजय कपूर का कथित वसीयतनामा फर्जी है क्योंकि संजय कपूर अपने लिए महिला सर्वनाम (शी) का उपयोग नहीं करते। महेश जेठमलानी ने कहा था कि वसीयत लिखने वाले ने अपने बारे में ‘शी’ का इस्तेमाल किया है और संजय कपूर ऐसा नहीं कर सकते थे। यहां तक कि ‘शी’ का इस्तेमाल करने की कोई वजह भी नहीं बतायी गई है। जेठमलानी ने कहा कि वसीयत में चार बार ‘शी’ और ‘हर’ का उपयोग किया गया है। जेठमलानी ने कहा था कि याचिकाकर्ता बच्चों की सौतेली मां प्रिया कपूर ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली है कि वसीयतनामा किसने तैयार किया था।

करिश्मा कपूर ने अपने दोनों बच्चों के अभिभावक के रुप में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर ने संजय कपूर की वसीयत से छेड़छाड़ की है। याचिका में कहा गया है कि प्रिया कपूर संजय कपूर की वसीयत से छेड़छाड़ कर उनकी पूरी संपत्ति पर अपना नियंत्रण चाहती हैं। यही वजह है कि संजय कपूर के वसीयत में करिश्मा कपूर के बच्चों को कोई हक नहीं दिया गया है। संजय कपूर की वसीयत 21 मार्च, 2025 की बतायी जा रही है। इस वसीयत के मुताबिक संजय कपूर की पूरी संपत्ति प्रिया कपूर की होगी। याचिका में कहा गया है कि प्रिया कपूर ने इस वसीयत संजय कपूर की मौत के बाद सात हफ्तों तक छिपाए रखा। वसीयत का खुलासा 30 जुलाई को तब किया गया जब एक पारिवारिक बैठक थी।

संजय कपूर की मौत ब्रिटेन के विंडसर में 12 जून को पोलो खेलने के दौरान हो गई थी। याचिका में करिश्मा कपूर के बच्चों ने कहा है कि उनका संजय कपूर के काफी नजदीकी रिश्ता था और वे अक्सर छुट्टियों में जाकर उनसे मिलते थे। संजय कपूर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य और वित्तीय सुरक्षा का हमेशा ही ध्यान रखते थे।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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