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दिल्ली विस अध्यक्ष धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक विधायक सम्मेलन में लेंगे भाग

दिल्ली में भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह को संबोधित करते दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र

नई दिल्ली, 29 जून (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक विधायक सम्मेलन में भाग लेंगे। इसका आयोजन 30 जून एवं 1 जुलाई को किया जाएगा। यह दो दिवसीय सम्मेलन दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर एवं पंजाब विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों एवं विधायकों को एक मंच पर लाकर विधायी सुशासन, लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व और अंतर-राज्यीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी रविवार को एक विज्ञिप्त जारी करके दी गई।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, मुख्य सचेतक अभय वर्मा, विधायक शिखा राय एवं जितेंद्र महाजन, तथा दिल्ली विधान सभा के सचिव रंजीत सिंह शामिल हैं।

इस सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। सम्मेलन में संविधान विशेषज्ञों, सांसदों, विधायकों एवं वरिष्ठ संसदीय अधिकारियों की सहभागिता होगी। इसका उद्देश्य बदलते सामाजिक-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में संसद एवं विधानसभाओं की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावशाली एवं सुदृढ़ बनाने पर संवाद को बढ़ावा देना है।

सम्मेलन के मुख्य विषयों में राज्य संसाधनों के प्रबंधन में विधायिकाओं की भूमिका तथा राज्य के समग्र विकास में उनके प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं। इस सत्र में यह चर्चा होगी कि कैसे विधायिकाएं जवाबदेह शासन सुनिश्चित कर सकती हैं, वित्तीय अनुशासन बनाए रख सकती हैं और विकास के लक्ष्यों को जनहित से जोड़ सकती हैं।

एक अन्य महत्वपूर्ण विषय होगा दलबदल के आधार पर विधायकों की अयोग्यता से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, जो संविधान के अनुच्छेद 102(2) और 191(2) के अंतर्गत दसवीं अनुसूची में वर्णित हैं। यह सत्र दलबदल विरोधी कानून की पवित्रता को बनाए रखने की वर्तमान चुनौतियों एवं पीठासीन अधिकारियों द्वारा समयबद्ध और निष्पक्ष निर्णय लेने की आवश्यकता पर केंद्रित होगा।

सम्मेलन में विधायी कार्यप्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग पर भी विशेष चर्चा होगी। प्रतिभागी यह विचार करेंगे कि कैसे एआई के माध्यम से विधायी अनुसंधान की दक्षता बढ़ाई जा सकती है, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकता है और डिजिटल मंचों के माध्यम से नागरिक सहभागिता को सशक्त बनाया जा सकता है। यह विमर्श आधुनिक शासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करता है।

सम्मेलन में विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा द्वारा हाल ही में किए गए लोकतांत्रिक एवं तकनीकी नवीनताओं पर प्रकाश डालेंगे, और यह रेखांकित करेंगे कि जन अपेक्षाओं के अनुरूप संस्थागत ढांचे को कैसे सुदृढ़ किया जाए। उनकी सहभागिता सहकारी संघवाद और सक्रिय विधायी शासन की साझा दृष्टि को सुदृढ़ करेगी।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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