नैनीताल, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । निदेशक प्राणी उद्यान तथा प्रभागीय वनाधिकारी नैनीताल के निर्देशन में आगामी 2 से 8 अक्टूबर तक नैनीताल प्राणी उद्यान में वन्य प्राणी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसकी थीम “मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व के माध्यम से” निर्धारित की गयी है।
प्राणी उद्यान के निदेशक ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाना है ताकि लोग सहअस्तित्व की अवधारणा को अपनाते हुए प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहयोग करें।
बताया कि इस अवसर पर सप्ताह भर विविध सांस्कृतिक, खेलकूद और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 2 अक्टूबर को ‘कीपर टॉक’ के माध्यम से बच्चों और युवाओं को वन्य जीव संरक्षण की जानकारी दी जाएगी। 3 अक्टूबर को कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता तथा कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए भाषण प्रतियोगिता होगी। 4 अक्टूबर को क्विज प्रतियोगिता रखी गई है, जिसमें उच्च कक्षाओं के विद्यार्थी भाग लेंगे। 5 अक्टूबर को प्राणी उद्यान के तत्वावधान में मैराथन का आयोजन होगा। यह दौड़ प्रातः 8 बजे पंत पार्क मल्लीताल से शुरू होकर पाइन टॉप तक जाएगी और पुनः पंत पार्क में समाप्त होगी।
मैराथन 12 किलोमीटर की होगी, जिसमें पुरुष और महिला दोनों वर्गों के प्रतिभागियों को सम्मिलित किया जाएगा। इसी दिन विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा नाटक मंचन प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। 6 अक्टूबर को ‘बेस्ट फ्रॉम वेस्ट’ प्रतियोगिता रखी गई है, जिसमें विद्यार्थी अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी सामग्री बनाने का कौशल प्रदर्शित करेंगे। साथ ही विशेषज्ञों द्वारा ‘एक्सपर्ट टॉक’ में वन्य जीवों के संरक्षण से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। 7 अक्टूबर को प्राणी उद्यान सभागार में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी, जिसमें वे वन्य जीवों और प्रकृति से संबंधित परिधानों में प्रस्तुत होंगे। 8 अक्टूबर को विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों की सहभागिता के साथ रैली निकाली जाएगी। रैली के माध्यम से वन्य प्राणी संरक्षण का संदेश आमजन तक पहुंचाया जाएगा।
इसी दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों को प्रकृति और वन्य जीवों के महत्व से परिचित कराते हैं, बल्कि उनमें जिम्मेदारी और संरक्षण की भावना भी विकसित करते हैं। आयोजकों ने नगर और ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्यालयों से अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
