
भीलवाड़ा, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के रायपुर थाना क्षेत्र के बोराणा गांव में मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों को खेमराज बलाई के मवेशियों के बाड़े में जंगली जानवरों द्वारा भारी तबाही मचाने की जानकारी मिली। इस हमले में 17 बकरियों की मौत हो गई, जबकि 7 मेमनों को जानवर उठा ले गए। घटना के बाद से गांव में डर और दहशत का माहौल है।
घटना सोमवार देर रात की बताई जा रही है, जब अज्ञात जंगली जानवरों के झुंड ने बोराणा गांव के एक बाड़े में घुसकर बकरियों को अपना निशाना बनाया। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह हमला संभवतः तेंदुओं या लकड़बग्घों के झुंड ने किया है।
ग्रामीण खेमराज बलाई और उनकी पत्नी पशुपालन कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उन्होंने अपने बाड़े में 24 बकरियां और मेमने पाल रखे थे। जानवरों की सुरक्षा के लिए बाड़े की चारदीवारी 8 फीट ऊंची बनाई गई थी और उस पर कंटीली झाड़ियां भी लगाई गई थीं। इसके अलावा टीन शेड और लोहे की जाली भी लगाई गई थी, लेकिन इन तमाम सुरक्षा उपायों के बावजूद जंगली जानवरों ने इस सुरक्षित बाड़े में घुसकर 17 बकरियों को मार डाला और 7 मेमनों को उठा ले गए।
मंगलवार सुबह खेमराज और उनका परिवार रोजाना की तरह बकरियों का दूध निकालने बाड़े में पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। बकरियों के शव इधर-उधर बिखरे हुए थे, चारों तरफ खून फैला हुआ था और सात मेमने बाड़े से गायब थे। यह मंजर देखकर पूरा परिवार रोने लगा और ग्रामीणों को बुलाया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत ही पुलिस व वन विभाग को सूचना दी गई। रायपुर थाना पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। साथ ही मृत बकरियों का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है ताकि हमले में शामिल जानवरों की पहचान की जा सके।
ग्रामीणों ने बताया कि खेमराज गरीब परिवार से हैं और बकरियों से ही उनका जीवन चलता है। इस हमले में उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। पशुपालन विभाग व प्रशासन से मांग की जा रही है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और गांव में वन्यजीवों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब गांव में जंगली जानवरों ने हमला किया हो। इससे पहले भी कई बार मवेशियों को निशाना बनाया गया है, लेकिन इस बार हमला काफी भयावह और व्यापक स्तर पर हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि आसपास के जंगलों में पिंजरे लगाए जाएं और ऐसे हिंसक जानवरों को पकड़ा जाए।
घटना के बाद ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन और वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे आज यह दर्दनाक हादसा हुआ।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद
