HEADLINES

नेपाल आंदोलन का सीमावर्ती भारतीय बाजारों पर व्यापक असर,व्यापारियों ने जतायी चिंता

बाजार में पसरा सन्नाटा

पटना/ चंपारण/अररिया,12 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल में बीते पांच दिनों से जारी आंदोलन और बंदी का सीधा असर अब बिहार के सीमाई बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। आम दिनों में सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक गुलजार रहने वाले बाजार अब वीरान पड़े हैं।

नेपाल से सटे बिहार के रक्सौल, भिट्ठा मोड़, जटही, भीमनगर और जोगवनी समेत तमाम बाजारों की रौनक समाप्त हो चुकी है। आम दिनों में सुबह सात बजे से लेकर रात के नौ बजे तक जुलजार रहने वाले ये बाजार वीरान पड़े हैं। भारत-नेपाल से सटे दुकानदारों के अनुसार, नेपाल से ग्राहकों का आना पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

रक्सौल चेंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक और पूर्व सचिव आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि नेपाल में चल रहे इस आंदोलन ने रक्सौल सहित बिहार से सटे सभी जिलों की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्व के ठीक पहले यह स्थिति व्यापारियों के लिए दोहरी चिंता लेकर आई है। बाजार में व्यापारी पहले से ही त्योहार को ध्यान में रखते हुए भारी मात्रा में माल का स्टॉक कर चुके हैं, लेकिन अब ग्राहकों के न आने से उनके सामने के बिकने का संकट खड़ा हो गया है।

नेपाल में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है और हर साल इस अवसर पर बड़ी संख्या में नेपाली ग्राहक रक्सौल आकर खरीदारी करते हैं। लेकिन इस बार आंदोलन के कारण सीमाई गतिविधियां लगभग ठप हैं। रक्सौल के व्यापारियों का कहना है कि जब तक नेपाल में स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक व्यापार में सुधार की कोई संभावना नहीं है।

इस बीच नेपाल के बीरगंज, विराटनगर, राजविराज, इनरवा, जनकपुर शहर में सुबह 8 से 10 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जा रही है, ताकि स्थानीय लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकें।

दूसरी ओर भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) पूरी तरह से चौकसी बरत रही है। भारतीय नागरिकों को छोड़कर किसी अन्य को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में स्थानीय व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द हालात सामान्य हों, ताकि दशहरा से पहले बाजार की रौनक लौटेे और उन्हें भारी नुकसान से बचाया जा सके।———

(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

Most Popular

To Top