
नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । पटाखों पर रोक के मामले पर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर तक ही रोक क्यों हो पूरे देश में क्यों नहीं। मुख्य न्यायधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर दिल्ली-एनसीआर के शहरों को स्वच्छ हवा का हक है तो दूसरे शहरों के लोगों को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए जो भी नीति हो वो पूरे देश के लिए होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने ये टिप्पणी दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने के 3 अप्रैल के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता नियंत्रण आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश ने कहा कि 2024 की सर्दियों में जब वो अमृतसर गए थे तो वहां प्रदूषण दिल्ली से भी बदतर था। उन्होंने कहा कि अगर पटाखों पर रोक लगाना है तो पूरे देश में लगना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का एक अनिवार्य हिस्सा है। इस अधिकार में प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार भी शामिल है।
6 मई को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर रोक जारी रखते हुए यूपी, राजस्थान और हरियाणा को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगी रोक को लागू करें। न्यायालय ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उसके आदेश को लागू नहीं किया गया तो अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाएगी।
इसके पहले 3 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से लगाए प्रतिबंध को सही ठहराया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से ना के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
