नैनीताल, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । उच्च न्यायालय ने कम उम्र के बच्चों के प्यार के मामलों में केवल किशोर युवकों को ही गिरफ्तार किए जाने तथा पॉक्सो के तहत उन पर कार्रवाई किए जाने संबंधी एक जनहित याचिका पर केन्द्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
बुधवार को जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और जस्टिस सुभाष उपाध्याय के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता मनीषा भंडारी ने याचिका दायर कर कहा था कि नाबालिग उम्र के प्यार के मामले में हमेशा लड़के को ही दोषी माना जाता है। भले ही वह आयु में लड़की से छोटा ही क्यों न हो और उसी पर पॉक्सो के तहत कार्रवाई होती है। ऐसे किशोरों को स्कूल जाने की उम्र में सुधार गृह में रख दिया जाता है। उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों में उन्हें गिरफ्तार के बजाय उनकी काउंसिलिंग की जानी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / लता
