
कोलकाता, 26 जून (Udaipur Kiran) । कालीगंज में मृत बच्ची तम्मना के परिजनों से मुलाकात और आर्थिक मदद की कोशिश के बाद तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा से विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
हुमायूं कबीर बुधवार को नदिया जिले के कालीगंज स्थित उस परिवार से मिलने पहुंचे, जहां 10 वर्षीय तम्मना खातून की बम विस्फोट में मौत हो गई थी। बताया गया कि उन्होंने पीड़िता की मां को आर्थिक सहायता देने की कोशिश की, लेकिन तम्मना की मां सबीना बीबी ने यह मदद ठुकरा दी। सबीना ने कहा कि उन्हें पैसे नहीं, बल्कि अपनी बेटी के हत्यारों को सजा चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम से पार्टी की छवि पर असर पड़ा है और अब हुमायूं कबीर की पहल पर पार्टी ने सवाल उठाए हैं। तृणमूल के वरिष्ठ नेता और पार्टी के सह-उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने बताया कि विधायक को 72 घंटे में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। पार्टी ने साफ किया है कि यह कार्रवाई संगठन की ओर से की गई है, न कि तृणमूल के विधायक दल की ओर से।
हुमायूं कबीर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें अभी तक कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है, लेकिन वह इसकी जानकारी मीडिया और अन्य लोगों से पा चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह तम्मना के घर अपनी निजी संस्था के प्रतिनिधि के रूप में गए थे, न कि पार्टी की ओर से।
गौरतलब है कि 19 जून को कालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था और 23 जून को वोटों की गिनती से पहले ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। आरोप है कि इसी दौरान माकपा समर्थकों के घरों पर बमबारी की गई, जिसमें 10 वर्षीय तम्मना की मौत हो गई।
इस घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं। सबीना बीबी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल की जीत के बाद उनके परिवार पर राजनीतिक बदले की भावना से हमला किया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अभी तक हमले में इस्तेमाल बम बरामद क्यों नहीं हुए और क्यों तृणमूल के विजयी प्रत्याशी अब तक उनके घर नहीं आए।
हुमायूं कबीर द्वारा तम्मना की मां को एक लिफाफे में पैसे देने की पेशकश के दौरान सबीना ने नाराजगी जताई और जोर देकर कहा कि उनके पास घर और जमीन है, पैसे की जरूरत नहीं। उन्होंने अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग दोहराई।
इस पूरे प्रकरण को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने हुमायूं की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि बिना पार्टी को सूचित किए किसी विधायक का मृत बच्ची के परिवार से मिलना और खुद से आर्थिक मदद की कोशिश करना पार्टी की नीति के खिलाफ है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
