
कोलकाता, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पश्चिम बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी और परिवार की बैंक खातों में हुई 12.73 करोड़ रुपये की कथित फर्जी लेन-देन का सुराग लगाया है। इस मामले में अब शनिवार को कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में सुनवाई होगी, जहां मंत्री को अपनी सफाई पेश करनी होगी।
सूत्रों के अनुसार, अदालत में मिलने वाली सफाई के आधार पर ईडी मंत्री की हिरासत की मांग कर सकती है। जांच एजेंसी मुख्य रूप से दो अहम बिंदुओं पर जवाब चाहती है। पहला, इन बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकद के रूप में आए पैसों का स्रोत क्या था। दूसरा, यह लेन-देन मंत्री और उनके परिवार के आयकर विवरणी में क्यों नहीं दर्शाए गए।
ईडी ने अदालत को बताया है कि पूछताछ के दौरान मंत्री इन दोनों सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। एजेंसी का दावा है कि 12.73 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का सीधा रिश्ता राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में हुई अनियमितताओं से है।
इस संबंध में ईडी ने इस महीने की शुरुआत में अदालत में छठी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें खासतौर पर मंत्री और उनकी पत्नी कुंतला सिन्हा के संयुक्त खाते में जमा हुई भारी नकद राशि का उल्लेख किया गया है। आरोप है कि जनवरी 2016 से नवम्बर 2019 के बीच इस खाते में 1.18 करोड़ रुपये नकद के रूप में जमा किए गए। यही समय माना जा रहा है जब शिक्षक नियुक्ति घोटाले का जाल अपने चरम पर था।
उल्लेखनीय है कि छह सितम्बर को मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने इसी मामले में विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। तब अदालत ने उन्हें 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त अंतरिम जमानत दी थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
