

प्रयागराज, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिंदू समाज के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं, जिसका विचार हिंदू समाज को करना है। हमें निराश नहीं होना है। यह बात शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रबुद्ध सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में संगठन के केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे ने कही।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं, जिसका विचार हिंदू समाज को करना है। पिछले 1500 वर्षों में इस समय की स्थिति सबसे अनुकूल कालखंड के रूप में मानी जा रही है। देश और हिंदू समाज का चिंतन पूरी दुनिया में हमें गौरवान्वित करेगा। 1000 वर्षों के संघर्ष राजनीतिक गुलामी के बाद आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम आज प्रगति के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। 16वीं शताब्दी के बाद आज हम 33 प्रतिशत अपनी प्रगति प्राप्त किए हैं। भारतीय स्वाधीनता के बाद आज कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं यह भी कह रही हैं कि 10 वर्षों में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर हुए हैं। आज कहीं न कहीं हमारे समक्ष चुनौतियों के रूप में हमारी जमीन नष्ट करने, हमें न्यूक्लियर एनर्जी ना प्राप्त होने, मिसाइल न बनाने जैसे मार्गों में रोड़े अटकाए गए। आज कहीं न कहीं एक बड़ी श्रम शक्ति के रूप में भारत की स्थिति है। तंत्रज्ञान में लगभग 3:30 करोड़ और श्रम शक्ति में 80 करोड़ हमारी स्थिति है।
जाति मत पंथ सम्प्रदाय से ऊपर रखना होगा हिन्दुत्व उन्होंने बताया कि हमें जाति मत पंथ सम्प्रदाय से ऊपर हिंदुत्व को रखना होगा। हमें अपने परिवारों में भी प्रबोधन करना होगा। हम परिवार में पैसे और करियर की बातें करते हैं लेकिन आत्म सम्मान स्वाभिमान संस्कृति की चर्चा नहीं करते। आज हमारे परिवारों में संख्याएं कम हो रही हैं ।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण समाज को गौ रक्षा हिंदू मंदिरों के सरकारी नियंत्रण जैसे विषयों पर आगे आना होगा। उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां केवल एक ही मंदिर सरकारी अधिग्रहण में है। संगठन के प्रयास से पूज्य संतों के मार्गदर्शन में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त और हिंदू समाज का जो अपने धर्म और संस्कृति के सहयोग के लिए जो अर्पण किए हुए धन का उपयोग हिंदू अस्मिता के जागरण में हो। श्री राम जन्मभूमि का कार्य भी श्रेष्ठ कार्य हुआ। करोड़ों लोग स्वयं पहले हिंदू हैं और हिंदू का अपमान किसी कीमत पर हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। राष्ट्रीय चरित्र की विषय पर हमें चिंतन करना है।
आज हिंदुत्व एवं संस्कृति के विषय पर चिंतन करना शुरू किया है। इस समय हिंदुत्व, हिंदू संस्कृति की बात को कोई नकार नहीं सकता। पूरी दुनिया को विचार करना पड़ रहा है और दिन प्रतिदिन हमारे धर्म एवं संस्कृति की ताकत बढ़ रही है।
जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि आज धर्मांतरण क्यों हो रहा है, उसके मूल में जाना चाहिए और जो हिंदू समाज को लालच देकर उनका धर्मांतरण कर रहे हैं ऐसे मूल विषयों का चिंतन कर उस पर लगाम लगानी चाहिए। धर्मांतरण का विषय बहुत पूर्व से चल रहा है लेकिन हिंदू समाज भी धीरे-धीरे जागृत हो रहा है और अब कहीं न कहीं इन विषयों पर रोक और उसका विरोध भी समाज में दिख रहा है।
प्रबुद्ध सम्मेलन का संचालन सुधांशु पटनायक केंद्रीय धर्म प्रसार प्रमुख ने किया। सम्मेलन में प्रमुख रूप से स्वामी शंकारानंद, क्षेत्र संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश गजेंद्र, प्रांत अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह, प्रांत संगठन मंत्री नितिन, मनमोहन दास गुजराती, प्रांत मंत्री डॉ राज नारायण, प्रांत सह मंत्री सत्य प्रकाश सिंह, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, पूर्व मंत्री डॉ नरेंद्र सिंह गौर, लोक सेवा आयोग के सदस्य हरीश सिंह, पूर्व कुलपति डॉक्टर गिरीश त्रिपाठी, सुरेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, गौ रक्षा प्रांत मंत्री लालमणि तिवारी, डॉक्टर एलएस ओझा, अजय गुप्ता, संजय गुप्ता सहित सैकड़ों प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
