
कठुआ, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजकीय महाविद्यालय कठुआ के रसायन विज्ञान विभाग ने योग्य प्राचार्या डॉ. सावी बहल के कुशल मार्गदर्शन में जल गुणवत्ता परीक्षण का एक कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित रोगों की रोकथाम और जल गुणवत्ता परीक्षण को तेज करने के लिए अभियान चलाने के सरकारी आदेश के तहत आयोजित किया गया था।
वरिष्ठ रसायनज्ञ मोनिका शर्मा ने जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला के अपने सहयोगी मोहिंदर सिंह के साथ मिलकर छात्रों के सामने बोरवेल के पानी का पीएच और फ्लोराइड सांद्रता का परीक्षण किया। कॉलेज के बोरवेल के पानी का पीएच 6 पाया गया जो सामान्य सीमा 6-8 के भीतर है। फ्लोराइड सांद्रता 0 पीपीएम है जो सामान्य सीमा 0-1.5 पीपीएम के भीतर भी है। जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला के अधिकारियों ने अपने जिला एनएबीएल प्रयोगशाला में पूर्ण परीक्षण के लिए जीडीसी कठुआ के मुख्य परिसर, बॉयज हॉस्टल और गर्ल्स हॉस्टल में स्थित तीनों बोरवेल से नमूने लिए। रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए जीवन के अस्तित्व में जल की भूमिका पर जोर दिया। स्वस्थ जीवन के लिए सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त जल महत्वपूर्ण है। बाढ़ न केवल बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाती है बल्कि कृषि भूमि और औद्योगिक क्षेत्र से कीटनाशकों, धातु की अशुद्धियों और औद्योगिक प्रदूषकों से युक्त पानी के अतिप्रवाह के कारण पानी की गुणवत्ता को भी खराब करती है। छात्रों को विभिन्न जल गुणवत्ता मापदंडों जैसे पीएच, फ्लोराइड, क्लोराइड, सल्फेट, नाइट्रेट, भारी धातु की अशुद्धियाँ, ई-कोलाई आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रो. जगदीश कुमार, डॉ. केहर सिंह, प्रो. अरुण कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
