
जोधपुर, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद अब जोधपुर के बड़े सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा को अभियान शुरू कर दिया गया है। दो दिन से यहां अस्पताल भवनों में मरीजों की सुरक्षा के इंतजामों को परखा जा रहा है। मंगलवार को भी मथुरादास माथुर अस्पताल में अग्निशमन यंत्रों की जांच एवं मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान अस्पताल में एक काल्पनिक स्थिति तैयार की गई। इसमें मरीज और स्टाफ को आग के समय सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया की गई।
मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने बताया कि उच्च स्तर से निर्देश मिले थे। इसकी पालना में आज हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच की गई। वहीं आर्टिफिशियल फायर क्रिएट की गई। आग से निकले धुएं को अस्पताल में लगे सेंसर ने पहचाना और अलार्म बजने लगा। इसके बाद हॉस्पिटल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया।
मरीजों को बचाव के तरीके बताए
वहीं अस्पताल में एडमिट मरीजों और यहां आने वाले मरीजों को बताया गया कि यदि इस तरह की घटना हो जाती है तो हॉस्पिटल में किस प्रकार से बचाव करें। इस अवसर अस्पताल के वर्कशॉप चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंकित सोनी, डॉक्टर सुभाष बलारा, वर्कशॉप प्रभारी विपिन पुरोहित, गोपाल व्यास सहित वर्कशॉप टीम मौजूद रही। मॉक ड्रिल के दौरान अग्निशमन उपकरणों की कार्यक्षमता और कर्मचारियों की तत्परता का परीक्षण किया गया, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
एक साल में हो चुके है तीन हादसे
बता दे कि मथुरादास माथुर अस्पताल में पिछले एक साल में तीन अलग-अलग हादसे हो चुके हैं। नवंबर 2024 में एक्यूट केयर वार्ड में एक मरीज झुलस गया था। वहीं मार्च 2025 में जनाना विंग ऑपरेशन थियेटर में आग लगी थी। इसके बाद मई में नेफ्रोलॉजी वार्ड में आग लग गई, जो पहले बाहरी और फिर अंदर एसी पैनल में लगी।
(Udaipur Kiran) / सतीश
