

रामगढ़, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
रामगढ़ के रामचंद्रभान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सोमवार को विभाग स्तरीय सप्तशक्ति संगम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ सप्तशक्ति संगम की क्षेत्रीय संयोजिका डॉ पूजा, डॉ उर्मिला सिंह, रांची विभाग प्रमुख विवेक नयन पांडे, कार्यक्रम प्रमुख पद्मावती सिंह, अनिता कुमारी ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं पुष्पार्चन कर किया।
26 विद्यालयों से लगभग 250 महिलाओं ने लिया भाग
कार्यशाला में पूरे रांची विभाग के 26 विद्यालयों से लगभग 250 महिलाओं ने भाग किया। मंचासीन अतिथियों का परिचय कुमकुम झा के जरिये कराया गया। मौके पर महिलाओं की ओर से हम ही मातृशक्ति है मधुर गीत प्रस्तुत किया गया। प्रस्तावना सह विषय प्रवेश करते हुए विभाग प्रमुख विवेक नयन पाण्डेय ने कहा कि माता परिवार की आधारशिला है। आज के बदलते परिवेश में महिलाओं को परिवार, समाज एवं देश कल्याण के कार्यों की प्रेरणा देना आवश्यक है। उन्होंने सप्तशक्ति संगम के गठन के विषय में स्पष्ट जानकारी दी। कहा कि भारतीय महिला के अंदर कई अंतर्निहित गुण विद्यमान है, उन्ही गुणों को जागृत करना ही सप्तशक्ति संगम का उद्देश्य है। कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित की जा रही है।
प्रत्येक नारी अपने आप में संपूर्ण है
क्षेत्रीय संयोजिका डॉ पूजा ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए कहा कि यह संगम महिलाओं का, महिलाओं के लिए और महिलाओं के द्वारा आयोजित कार्यशाला है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नारी अपने आप में संपूर्ण है। हमें माताओं को अपनी शक्ति का आभास करना है, ताकि हमारा समाज सुसंस्कृत होकर आगे बढ़े। कुटुंब व्यवस्था एवं पर्यावरण के प्रति मातृ शक्ति की भारतीय दृष्टि विकसित करना हमारा उद्देश्य होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ उर्मिला सिंह ने कहा बच्चों के लिए माता ही प्रथम शिक्षिका है। आने वाले समय में समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की अहम भूमिका होगी। परिवार में एक महिला मां बेटी, बहन, पत्नी कई रूपों में देखने को मिलती हैं। स्थानीय विद्यालय की अंजू के द्वारा प्रश्नोत्तरी का भी कार्यक्रम किया गया।
प्रतियोगिता में उत्तीर्ण महिलाओं को किया गया सम्मानित
प्रतियोगिता में पर्यावरण, नारी शक्ति और स्वास्थ्य से संबंधित कई प्रश्न किए गए और संतोषजनक उत्तर देने वाले को उपहार देकर सम्मानित किया गया। पद्मावती सिंह ने कहा महिलाओं को अपने अंदर निहित सातो शक्तियों को पहचानने की आवश्यकता है। समाज में फैली कुरीतियों को दूर करते हुए अन्य माता-बहनों को भी प्रेरित करना चाहिए। हमारा परिवार, समाज देश कैसे आगे बढ़े। हम अपनी देश की संस्कृति को कैसे बनाए रखें इस पर भी चिंतन करने की आवश्यकता है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
