

बांकेबिहारी लाल के गगनभेदी जयकारों से गूंजा मंदिर प्रांगण
मथुरा, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाली तीज के पावन पर्व पर जन-जन के आराध्य ठा. बांकेबिहारी महाराज ने स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। वर्ष में एक बाहर होने वाले हिंडोला दर्शनों के लिए भक्तों की कतारे सुबह 5 बजे से ही लगना शुरु हो गयी और यह सिलसिला रविवार देररात तक निरंतर चलता रहा। पूरे दिन मंदिर परिसर बांकेबिहारी लाल के गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान होता रहा।
वृन्दावन के लाड़ले ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के स्वर्ण-रजित हिंडोले की यह 78वीं वर्षगांठ है। आजादी के चार दिन बाद 19 अगस्त 1947 को हरियाली तीज के दिन ही बांकेबिहारी पहली बार दिव्य-अलौकिक हिंडोले में विराजे थे। पिछले कई दिनों से इन मनभावन दर्शनों को करने के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु बड़ी तादाद में वृन्दावन पहंचने लगे थे। नतीजतन, उत्साहित भक्तों के रेले सुबह से ही अपने आराध्य के दर्शनों को पलक-पांवड़े बिछाए बैठे थे। सुबह पांच बजे से ही भक्त बांकेबिहारी के द्वार पर एकत्रित हो गये। इसके बाद प्रातः लगभग 7 बजे बांकेबिहारी लाल के दर्शन खुल गये। बांकेबिहारी की नयनाभिराम छवि को निहारते ही भक्त मंत्रगुग्ध होकर एकटक निहारते रहे। बीच में राजभोग के बाद दो बजे तक दर्शन हुए। सायंकाल 5 बजे पुनः दर्शनों का क्रम शुरु हो गया। इस स्वर्ण-रजत हिंडोले को संवारने का कार्य परंपरागत रुप से सेठ हरगुलाल के वंशजों द्वारा किया जाता है।
ठा. बांकेबिहारी लाल भक्तों को दर्शन देने के बाद सुख सेज पर विराजते हैं। जहां उनका श्रम दूर करने के लिए मखमली बिस्तर तैयार किया जाता है। जिनपर इत्र, पुष्प आदि सुगंधित द्रव्यों को छिड़का ओर रखा जाता है। रजत निर्मित सेज को चारों ओर से मोगरा के फूलों से सजाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें लड्डू आदि भोग भी निवेदित किये जाते हैं। हिंडोला दर्शनों के दौरान, शैलेन्द्रनाथ गोस्वामी, सोनू गोस्वामी, बालकिशन गोस्वामी, ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी, मम्मू गोस्वामी, चंद्रकिशोर गोस्वामी, श्रीनाथ गोस्वामी आदि सेवायत मौजूद रहे।
उल्लेखनीय रहे कि जिलाधिकारी सीपी सिंह ने रिसीवर और सेवायतों से समन्वय बनाकर दर्शन की अवधि 4 घंटे बढ़वा दी थी जिस कारण श्रद्धालु अपने इष्ट के अनवरत दर्शन बिना कोई परेशानी के करते देखे गए।
हिंडोला में झूले वृन्दावन के आराध्य देव
राधावल्लभ, राधारमण, गोदारंगमन्नार और सनेहबिहारी ने दिए दिव्य दर्शन
ठा. बांकेबिहारी महाराज के हिंडोला दर्शनों के साथ ही वृन्दावन के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी हरियाली तीज के अवसर पर हिंडोला दर्शन हुए। सभी आराध्यों को श्रद्धालुओं ने भक्ति की डोर से झुलाया। इस मौके पर विविध ऋतुनुकूल भोग ठाकुरजी को निवेदित किये गये। राधावल्लभ मंदिर में रजत निर्मित हिंडोले को पुष्पों से सजाया गया। वहीं रंगनाथ मंदिर में रजत निर्मित हिंडोले में ठाकुर गोदारंगमन्नार को सुखपूर्वक झुलाया गया। राधारमण मंदिर में भी रजत निर्मित हिंडोले में ठाकुर जी के दर्शन पाकर भक्तगण निहाल हुए। वहीं राधा सनेहबिहारी मंदिर में भी स्वर्णभा से दमकते हिंडोले में ठाकुरजी को भाव के साथ झुलाया गया। इस दौरान मंदिरों में ठाकुरजी क गगनभेदी जयकारे लगते रहे।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार
