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विमल नेगी मौत मामला : आरोपी निलंबित एएसआई पंकज शर्मा की जमानत याचिका खारिज, न्यायिक हिरासत में भेजा

शिमला, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को मंगलवार को एक दिन के रिमांड के बाद शिमला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने पंकज शर्मा को 26 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। पिछले कल आरोपित पंकज शर्मा ने जमानत याचिका दायर की थी। अदालत ने आदेश दिया है कि अब मामले की अगली सुनवाई 26 सितम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।

गौरतलब है कि सीबीआई ने 14 सितम्बर को पंकज शर्मा को बिलासपुर जिला के घुमारवीं से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाल ली थी और बाद में उनका लैपटॉप कब्जे में लेकर उसमें से अहम डेटा डिलीट किया। सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी से पहले घर से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिन्हें महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।

मामले के अनुसार घटना के समय पंकज शर्मा किसी भी जांच दल का हिस्सा नहीं थे, फिर भी वे सबसे पहले घटनास्थल पर मौजूद थे। इसी आधार पर उन पर सबूतों से छेड़छाड़ और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लगे हैं। सीबीआई उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है।

यह सीबीआई की इस मामले में पहली गिरफ्तारी है। इससे पहले जांच का दायरा एचपीपीसीएल के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों तक फैला था। इस मामले में तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और पूर्व निदेशक देशराज अग्रिम जमानत पर हैं। वहीं विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और उनके भाई सुरेंद्र नेगी के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।

इस रहस्यमयी मौत मामले की शुरुआत 10 मार्च को हुई थी, जब विमल नेगी अचानक शिमला से लापता हो गए थे। आठ दिन बाद 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील के किनारे मिला था। इस घटना ने कई सवाल खड़े किए थे। परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था और पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच एजेंसी ने केस अपने हाथ में लिया।

सीबीआई ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान ही प्रदेश सरकार ने निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में चीफ इंजीनियर पद पर तैनात कर दिया था।

विमल नेगी की मौत ने न केवल पावर कॉर्पोरेशन, बल्कि पूरे प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में हलचल मचा दी थी। मामले के दबाव में सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा और शिमला एसएसपी संजीव गांधी को अवकाश पर भेज दिया था। हालांकि बाद में अवकाश समाप्त होने पर ओंकार शर्मा और संजीव गांधी ने दोबारा अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली थी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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