Haryana

हिसार में माइनर पर ग्रामीणों का झगड़ा, पथराव, दर्जनों घायल, पुलिस की सात कंपनियां तैनात

गांव गुराना के पास टूटी हुई सिंघवा राघो माइनर।
गांव गुराना के पास सिंघवा माइनर पर पथराव के दौरान  ग्रामीणों की भारी भीड़।

तीन गांवों के ग्रामीण मिट्टी के बैग लेकर माइनर को बंद करने के पहुंचे थे

गुराना गांव के लोग पहले से थे मौजूद

हिसार, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । बारिश ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है,

वहीं अब आपसी झगड़ों के मामले भी सामने आने लगे हैं। बरसात व माइनर टूटने से जिले के

नारनौंद क्षेत्र के गांव गुराना के हालात बिगड़ चुके हैं। गांव की बस्तियों के सैकड़ों

घरों में पानी घुस गया है, वहीं सिंघवा माइनर टूटने से हालात और बिगड़ गए।

शनिवार शाम को पास के तीन गांवों के ग्रामीण पानी घुसने के संकट से बचने के

लिए माइनर को बंद करने के लिए वहां पहुंचे तो स्थिति बिगड़ गई। इस दौरान ग्रामीण एक

दूसरे की तरफ से पत्थर फेंकने लगे जिसके कारण दोनों पक्षों के दर्जनों ग्रामीण घायल

हो गए। स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल और प्रशासन मौके पर तैनात हैं। उपायुक्त

अनीश यादव और हांसी पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन भी मौके पर पहुंच चुके हैं। दोनों पक्षों

को शांत करवाने के लिए प्रशासन कड़ी मकसत करनी पड़ रही है।

बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह ही भारी पुलिस बल माइनर पर तैनात कर दिया गया

था ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो। डीएसपी देवेंद्र नैन, एसडीएम राजेश

खोथ, थाना प्रभारी बलवान सिंह सुबह से ही मोर्चा संभाले हुए थे। चारों गांव के मौजिज

लोगों से संपर्क करके मामले का समाधान करने की कोशिश की गई लेकिन कोई हल नहीं निकला।

माइनर को बंद करने की भनक गुराना गांव के ग्रामीणों को लग चुकी थी। इसको लेकर सुबह

से ही गुराना गांव के सैकड़ों लोग माइनर पर इकट्ठे हो गए थे। इनमें महिलाएं भी भारी

संख्या में मौजूद थी।

गांव खानपुर, सिंधड़ और सिंघवा राघो के ग्रामीण भी सुबह से ही इस इंतजार में

थे कि प्रशासन माइनर को बंद करवा देगा लेकिन माइनर को बंद नहीं करवाया गया।

तीनों गांवों

के ग्रामीणों ने मिट्टी के बैग भरकर तैयार कर लिए थे कि गांव की तरफ जब पानी आएगा तो

वह उनके सहारे पानी को रोक देंगे लेकिन माइनर से पानी ज्यादा गति से बह रहा था।

ग्रामीणों

ने पूरा दिन प्रशासन का इंतजार किया। उसके बाद भारी संख्या में ग्रामीण माइनर पर पहुंच

गए और वहां पर हालत बिगड़ गए। इसी दौरान एक दूसरे की तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई।

ग्रामीणों आरोप लगाया है कि प्रशासन की मौजूदगी में यह सारा मामला हुआ है। अगर समय

रहते प्रशासन पूरे मामले को दिन में ही निपटा देता तो रात को यह घटना नहीं होती।

एसडीएम राजेश खोथ ने बताया कि ग्रामीणों की पंचायत हुई थी। इसमें सभी को आश्वासन

दिलाया था कि माइनर को बंद करवा दिया जाएगा। पूरा दिन शांतिपूर्वक तरीके से बातचीत

होती रही। शाम को अचानक दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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