Chhattisgarh

काजल नदी पर पुल नहीं, 12 गांवों के ग्रामीण प्रभावित

बैनर-पोस्टर लेकर जबर्रा के आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ पहुंचे कलेक्ट्रेट।

धमतरी, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी व गरियाबंद को जोड़ने वाली काजल नदी पर सालों से पुल निर्माण नहीं होने के कारण क्षेत्र के 12 गांवों के ग्रामीण प्रभावित हैं। ग्रामीणाें को अत्यधिक बारिश में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सालों से पुल की मांग करने के बाद भी पुल नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची।

जनदर्शन में ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाते हुए कहा है कि सालों बाद भी उनकी मांग अधूरी है। पखवाड़ेभर के भीतर यदि पुल निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो सड़कजाम किया जाएगा। पुल के निर्माण होने से 12 से अधिक गांवों के ग्रामीणों की जिंदगी बदल जाएगी। सघन वनांचल में स्थित ग्राम जबर्रा के ग्रामीणों की कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची। यहां कलेक्ट्रेट में आयोजित जनदर्शन में अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण संतुराम, ईश्वर लाल, संतोष कुमार, मानिकराम, प्रकाश, कृष्णा कुमार लोकेश्वर आदि ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जबर्रा में काजल नदी है, जहां से होकर वे 12 से 15 किलोमीटर दूर गरियाबंद जाते हैं, लेकिन यहां पुल की सुविधा नहीं है। पुल निर्माण नहीं होने से बारिश के दिनों में बाढ़ में इस मार्ग से आने-जाने वाले ग्रामीण हर साल फंस जाते हैं। जबकि ग्रामीण कलेक्टर व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से हर बार पुल निर्माण की मांग करते सालों से आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई गंभीर नहीं है।

ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक उनके गांवों में कई कलेक्टर आकर पुल निर्माण की आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन कोई पुल निर्माण बनाने गंभीर नहीं है। क्षेत्र के जवाबदार जनप्रतिनिधियों से भी उनकी उम्मीदें टूट गई है। 15 दिनों के भीतर यदि पुल निर्माण नहीं हुआ, तो वे कहीं भी चक्काजाम करने मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि इस साल काजल नदी में आए बाढ़ में जबर्रा के तीन युवक बह गए, जिसमें से एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो ग्रामीण बाल-बाल बचे। वहीं बाढ़ की वजह से हाल ही में एक महिला को सांप ने काट दिया, लेकिन बारिश व बाढ़ के चलते गांव तक एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाया, जिससे महिला की मौत हो गई। उल्‍लेखनीय है कि गांव से गरियाबंद की दूरी करीब 12 से 15 किलाेमीटर है, जबकि ब्लाक मुख्यालय नगरी की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक है। ऐसे में जबर्रा समेत क्षेत्र के 12 गांव खरखा, चारगांव, मुनईकेरा, भोभलाबाहरा, देवगांव, मारागांव समेत अन्य गांवों के ग्रामीण इस नदी को पार करके सामाग्री खरीदने गरियाबंद आवाजाही करते हैं। बारिश शुरू होते ही उनकी दिक्कतें बढ़ जाती है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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