Bihar

कोसी नदी की तेज धारा में कई घर हुआ विलीन, ग्रामीणों ने प्रशासन से कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग की

कोसी का कटाव

सहरसा, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

जिले में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र के घोघसम गांव में कोसी नदी ने मानसून की शुरुआत के साथ ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है।

कोसी के कटाव ने गांव के 40 से अधिक घरों को प्रभावित किया है। जिनमें से कई घर तो नदी में विलीन हो चुके हैं। कोसी नदी का जलस्तर बीते 1 जुलाई से ही बढ़ रहा है। जिसके कारण सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।

घोघसम गांव के लोग डरे-सहमे हैं। वे लोग प्रशासन से तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू करने की मांग कर रहे थे। पिछले साल कटावरोधी कार्यों ने गांव को कुछ हद तक बचाया था। लेकिन इस बार फिर से खतरा बढ़ गया है।जल संसाधन विभाग के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर सहरसा में खतरे के निशान के करीब है। जबकि बक्सर, पटना तथा भागलपुर में गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। कोसी बैराज के 56 गेट में से कई गेट खोले गए हैं। जिससे जलस्तर और बढ़ा है।

घोघसम में कटाव के कारण फसलों और घरों को भारी नुकसान हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से समय पर सहायता नहीं मिल रही है। पिछले साल भी जिले के असई गांव में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।सिमरी बख्तियारपुर के 57 गांवों में से कई घोघसम और कोसी तटबंधों के बीच बसे हैं। यहां हर साल बाढ़ और कटाव का खतरा रहता है। वर्ष 2008 में कोसी की बाढ़ ने सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और अररिया जैसे जिलों में 27 लाख लोगों को प्रभावित किया था। ग्रामीणों ने मांग की है कि कटाव निरोधी बांधों को मजबूत किया जाए और प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और मुआवजा भी दिया जाए।

(Udaipur Kiran) / अजय कुमार

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